आवाज़ ए हिमाचल
धर्मशाला। कांगड़ा केंद्रीय सहकारी बैंक (केसीसीबी) के पूर्व चेयरमैन जगदीश सिपहिया सहित नौ अन्य लोगों पर धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया गया है। यह मामला स्पेशल इन्वेस्टिगेशन यूनिट (एसआईयू) की जांच पड़ताल के बाद विजिलेंस पुलिस थाना धर्मशाला में दर्ज हुआ है।
जगदीश सिपहिया सहित अन्य लोगों पर आरोप है कि उन्होंने नियमों को ताक पर रखकर एक युवती को बैंक में क्लर्क की नौकरी दी थी। जानकारी के अनुसार विजिलेंस पुलिस थाना धर्मशाला में केसीसीबी के पूर्व चेयरमैन जगदीश सिपहिया, वाइस चेयरमैन कुलदीप पठानिया, बीओडी केसीसीबी के सदस्यों सहित कुल नौ लोगों पर धारा 420, 120बी और 13 (1) डी सहित अन्य धाराओं के तहत दर्ज किया गया है।
बताया जा रहा है कि केसीसीबी में नौकरी के लिए बनाए गए आरएंडपी रूल्ज को दरकिनार कर एक युवती अंजली ठाकुर को बैंक में क्लर्क की नौकरी दी गई थी। इसे भाजपा ने अपनी चार्जशीट में भी शामिल किया था। इसके बाद मामले की एसआईयू जांच कर रही थी। एसआईयू की जांच के बाद मामले को विजिलेंस पुलिस थाना धर्मशाला में दर्ज करवाया है। राज्य सतर्कता एवं भ्रष्टाचार रोधी ब्यूरो उत्तरी क्षेत्र धर्मशाला के एएसपी बलवीर जसवाल ने बताया कि विजिलेंस पुलिस थाना धर्मशाला में जगदीश सिपहिया सहित नौ लोगों पर एसआईयू ने मामला दर्ज करवाया है। मामले की आगामी जांच एसआईयू ही करेगी।
विजिलेंस पुलिस थाना धर्मशाला में दर्ज हुए मामले में केसीसीबी के पूर्व चेयरमैन जगदीश सिपहिया, वाइस चेयरमैन कुलदीप पठानिया, अभ्यर्थी अंजलि ठाकुर, डिप्टी रजिस्ट्रार सुधीर कटोच, डाक्यूमेंट वेरिफिकेशन कमेटी के संजय गुप्ता, अजय शर्मा और हरीश वालिया के अलावा एजीएम सरोज कुमार और जीएम सतवीर मिन्हास को आरोपी बनाया गया है।
वर्ष 2017 में भाजपा ने कांग्रेस के खिलाफ चार्जशीट तैयार की थी। इसमें केसीसीबी में हुईं भर्तियों को भी शक के नजरिए से देखा था। भर्तियों को भर्ती घोटाला करार दिया था। इन मामलों को लेकर चार्जशीट के आधार पर यह एसआईयू ने जांच पड़ताल कर विजिलेंस पुलिस थाना धर्मशाला में मामला दर्ज करवाया है।
वहीं, बैंक के पूर्व चेयरमैन जगदीश सिपहिया ने बताया कि इस मामले में मेरा कोई लेना-देना नहीं है। यह सारा मामला राजनीति से प्रेरित है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने सत्ता में आते ही चार साल पहले इसकी जांच करवाई थी। इसमें कुछ नहीं निकला था। दावा किया कि सुलह से वह कांग्रेस टिकट के प्रबल दावेदार हैं। इस कारण विधानसभा अध्यक्ष विपिन परमार को परेशानी हो रही है। मैं भी चाहता हूं कि इसकी पूरी जांच करवाई जाए और अगर कोई दोषी पाया जाता है तो उस पर कार्रवाई की जाए।