बोले- सरकार-एम्स प्रशासन ने ध्यान नहीं दिया तो होगा आंदोलन
आवाज़ ए हिमाचल
अभिषेक मिश्रा, बिलासपुर। प्रदेश में बरसात का मौसम चल रहा है और नुकसान व तबाही हो रही है, लेकिन राहत राशि और राहत कार्यों में सरकार और प्रशासन की मशीनरी हांफती हुई नजर आ रही है।
ये आरोप कांग्रेस चुनाव प्रबंधन समिति के अध्यक्ष, पूर्व मंत्री व विधायक श्री नयना देवी जी राम लाल ठाकुर ने ग्राम पंचायत कोठीपुरा के गाँव न्यायी सारली में प्रदेश सरकार को घेरते हुए लगाए और मांग की है कि प्रदेश सरकार आपदा प्रबंधन पर विशेष ध्यान दे।
उन्होंने कहा कि पिछ्ली रात को बारिश की वजह से ग्राम पंचायत सिकरोहा के गाँव गलोड़ की एक महिला कि मृत्यु हो गई है। यह महिला आर्थिक मंदहाली में अनुसूचित जाति और आईआरडीपी परिवार से सम्बंध रखती है। जिला अस्पताल बिलासपुर में उन्होंने खुद उक्त महिला का पोस्टमार्टम करवाकर उपायुक्त बिलासपुर से 40 हज़ार की राहत तुंरत दिलवा भी दिलवा दी, लेकिन उक्त परिवार को सरकार से आपदा राहत से मिलने वाली राशि की बहुत आवश्यकता है।
इसके अलावा राम लाल ठाकुर से गांव न्याय सारली में ग्राम पंचायत राजपुरा के लोग भी मिले। उन्होंने बताया कि एम्स बिलासपुर की कंस्ट्रक्शन के कारण “कोल नाला” में पानी आने से वहां पर स्थित मुस्लिम आबादी की जमीनें बह गई हैं, लेकिन न तो आपदा प्रबंधन की तरफ से और न ही एम्स प्रशासन की तरह कोई भी राहत राशि दी गई है। एम्स बिलासपुर की कंस्ट्रक्शन की वजह से पानी की प्राकृतिक निकासी से नाले और खड्डे बहुत प्रभावित हुई हैं, इसी तरह की घटना गत वर्ष भी घटी थी तब एम्स प्रशासन ने “पिक एंड चूज” नीति के अनुसार कुछ लोगों को डेमेज कलेम दिया था लेकिन प्रदेश आपदा प्रबंधन की तरफ से कोई विशेष व्यवस्था वहां के लोगों के लिए नहीं कि गई थी।
उन्होंने सरकार और प्रशासन को सचेत करते हुए कहा है कि यदि एक सप्ताह के भीतर कोई कदम नहीं उठाया गया तो वह आंदोलन का रुख अपनाएंगे। वहाँ के स्थानीय स्थानीय लोगों की शिकायत पर उन्होंने हलका पटवारी की मौका रिपोर्ट न बनाने की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठाए और जिला उपायुक्त से कहा है कि उक्त पटवारी की कार्यप्रणाली को देखें और जल्द से जल्द मौक़े की डेमेज रिपोर्ट तैयार की जाए।