आवाज़ ए हिमाचल
अभिषेक मिश्रा, बिलासपुर। राष्ट्रिय पशुधन मिशन के अंतर्गत ग्राम पंचायत जुखाला में शुक्रवार को 6 दिवसीय प्रशिक्षण शिविर का शुभारंभ किया गया। शिविर में विभिन्न निकटवर्ती पंचायतों के लगभग 25 पशु पालकों ने भाग लिया।
शिविर के प्रथम दिन डॉक्टर प्रमोद महाजन ने शिविर में उपस्थित पशु पालकों को डेयरी फार्मिंग को लेकर जानकारी देते हुए बताया कि डेयरी व्यवसाय, आजीविका का एक परंपरागत स्त्रोत रहा है तथा इसका भारत की कृषि अर्थव्यवस्था के साथ घनिष्ठ संबंध है। डेयरी व्यवसाय कृषि संबंधित गतिविधियों का अभिन्न अंग है।
उन्होंने बताया कि भारत में दूध के सेवन को संपूर्ण आहार का दर्जा दिया गया है। इसके अतिरिक्त अधिकतम पशुपालक दूध बेचकर आमदनी भी अर्जित करते हैं। पशु चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर रामस्वरूप और डॉक्टर विकाश कुमार ने पशु पालन के साथ मुर्गी पालन को लेकर शिविर में उपस्थित पशु पलकों को बताया कि व्यवसाय और नौकरी की तालाश कर रहे लोगों के लिए यह एक रोजगार स्रोत बन सकता है।
दोनों ही व्यवसाय ऐसे हैं जो कभी सूख खत्म नहीं हो सकते और भारत के अंदर बाजार में सभी प्रकार की मुर्गी के उत्पादों की बड़ी मांग है। इस शिविर में पशु पालकों को पशु पालन विभाग द्वारा सुअर, बकरी पालन और मुर्गी पालन को लेकर उनकी देखरेख को लेकर जानकारी दी जाएगी।