आवाज़ ए हिमाचल
21 जुलाई।पिछले 357 दिन से शिमला में क्रमिक भूख हड़ताल पर बैठे करुणामूलक आश्रितों का गुस्सा अब सातवें आसमान पर है।सरकार की तरफ से उनकी मांगों बारे कोई निर्णय न लेने पर भड़के करुणामूलक संघ ने अब 23 जुलाई को सरकार के खिलाफ पालमपुर में महा आक्रोश रैली व धरना प्रदर्शन करने का ऐलान किया है। करुणामूलक संघ के प्रदेशाध्यक्ष
अजय कुमार ने बताया कि रैली के माध्यम से संघ बताएगा कि सरकार करुणामूलक आश्रितों को पिछले एक साल से नजरंदाज कर रही है।
अगर सरकार जल्द फैसला नही लेती है तो करुणामूलक परिवार सड़क पर उतरने के लिए तैयार हो चुके है, जिसकी पहली झलक पालमपुर में देखने को मिल जाएगी।उन्होंने कहा कि यह रैली होली कला मंच से ठीक 11 बजे आरंभ होगी तथा पुलिस स्टेशन पालमपुर व सिविल हॉस्पिटल से होकर एसडीम कार्यालय तक जाएगी।इस दौरान एसडीम कार्यालय के बाहर विशाल धरना प्रदर्शन किया जाएगा, जो शाम तीन बजे तक चलेगा।प्रदेशाध्यक्ष अजय कुमार ने कहा कि सरकार जब तक क्लास-सी व अन्य मांगों को लेकर कोई फैसला नहीं लेती है तब तक हर जिले से सरकार के खिलाफ करुणामूलक संघ हल्लाबोल करेगा और इसका खामियाजा प्रदेश सरकार को आने वाले विधानसभा चुनावों में भुगतना पड़ सकता है और यह भी कहा कि अगर सरकार आगामी कैबिनेट की बैठक में उनकी मांगों पर मोहर लगाती है तो धन्यवाद यात्रा से फैसले का स्वागत किया जाएगा।
प्रदेशाध्यक्ष अजय कुमार ने प्रदेश भर के करुणामूलक आश्रितों से भी आह्वान किया है कि आश्रित इस रैली में पहुंचे और अपने हकों की लड़ाई में करुणामूलक संघ हिमाचल प्रदेश का साथ दें
यह है मुख्य मांगे
1) समस्त विभागों, बोर्डों, निगमों व यूनिवर्सिटी में लंबित पड़े क्लास-सी के करुणामूलक आधार पर दी जाने वाली नोकरियों के मामलों को छठे वेतन आयोग में छूठ देकर,जो 7/03/2019 की पॉलिसी में आ रहे हैं,उन्हें वन टाइम सेटलमेंट के तहत एक साथ नियुक्तियां दी जाएं ।
2) क्लास -डी में जीतने भी मामले विभागों, बोर्डों और निगमों के वित्त विभाग के पास फंसे है, उन्हे जल्द कैबिनेट में लाकर मोहर लगाई जाए।
3) पॉलिसी में संशोधन किया जाए व 62500 एक सदस्य सालाना शर्त को हटाई जाए।