गौरव कौशिक, कांगड़ा
आवाज ए हिमाचल
15 दिसंबर: पूर्व मंत्री और कांग्रेस नेता जीएस बाली ने पत्रकारों से बात करते हुए आरोप लगाया कि भारत सरकार ने किसानों को लुभाने के लिए विना गाइड लाइन और किसानों की सहमति लिए विना कुछ किसानों के खातों में धनराशि डाल दी तथा चुनाव में इसका व्यापक प्रचार कर राजनैतिक लाभ भी उठाया परन्तु अब एक गाइडलाइन जारी कर रिकवरी की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है, जो दुर्भाग्यपूर्ण है ।
उन्होंने कहा कि लोगों को ऐसा लगा कि यह धनराशि उनके खातों में निरन्तर आती रहेगी परन्तु रिकवरी प्रक्रिया शुरू कर सरकार ने किसानों के साथ धोखा किया है । बाली ने कहा कि किसी के भी खाते में बिना पूछे धन डालना गैर कानूनी है। क्योंकि जिसके खाते में धनराशि जमा की जाती है तो उसे इस बात की जानकारी होनी चाहिए कि यह धन कहां से और क्यों आया।
बाली ने कहा कि यह योजना शुरू करने पीछे सरकार की केवल राजनैतिक लाभ लेने की ही मंशा रही है । उन्होंने कहा कि चुनाव के समय एक नया जुमला भाजपा की तरफ से आता है जो बाद में एक पीड़ा देकर चला जाता है । पूर्व मंत्री ने कहा कि अपनी मांगों को लेकर किसान तीन हफ्तों से सड़क पर हैं और सरकार उनकी बात सुनने के वजाय उन्हें ग्रुपों में विभाजित करने में लगी है ।
उन्होंने कहा कि समझ नहीं आ रहा कि सरकार क्या कर रही है । किसान जो मांग रहा है, वह दिया नहीं जा रहा और विना सहमित सरकार कभी उनके खातों में पैसे डालने और कभी वापिस लेने की बात कर रही है । उन्होंने कहा कि किसान की न जाति होती है न पार्टी, पहले वह किसान है और किसानों जो मांग रहा है, वह उसे मिलना चाहिए। उन्होंने प्रदेश सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि सरकार अपनी मनमर्जी से फैसले ले रही है तथा अगले दिन ही उन्हें बदल रही है।
उन्होंने मंत्रीमंडल के फैसले को लेकर कहा कि सरकार कार्यकर्मों को लेकर 50 लोगों की अनुमति दे रही है लेकिन सरकार क्रिसमिस व न्यूईयर को लेकर पांबदी लगा रही है। वाली ने कहा कि सरकार द्धारा कोरोना संकट में किए गए इंतजाम भी काफी नहीं तथा अस्पताल में रोगियों को ईलाज नहीं मिल रहा है।
हिमाचल में कोरोना से होनी वाली मृत्युदर देश में पहले स्थान पर है लेकिन फिर भी सरकार इस के प्रति सिरियस नहीं हैं। बाली ने कहा कि पंचायत चुनावों में रोस्टर से छेड़छाड़ किए जाने पर कांग्रेस कोर्ट का दरवाजा खटखटायेगी।