बीडीटीएस सभा में ऑपरेटर्स अहित में निर्णय लेने वाले व्यक्ति के नेतृत्व में कार्य करने की अपेक्षा कार्यकारिणी का सदस्य बनकर विरोध करना जरूरी: राजपाल गौतम
आवाज़ ए हिमाचल
अभिषेक मिश्रा, बिलासपुर।
12 जुलाई। बीडीटीएस सभा के प्रधान द्वारा कुछ एक कार्यकारिणी पदाधिकारियों की परफॉर्मेंस पर सवालिया निशान लगाने को लेकर कार्यकारणी पदाधिकारी राकेश ठाकुर एवं राजपाल गौतम का कहना है कि बीडीटीएस प्रधान इस तरह की निराधार बयानबाजी कर अपनी नाकामियों पर पर्दा डाल रहे हैं।
बीडीडीएस कार्यकारिणी के सदस्य राकेश ठाकुर और राजपाल गौतम ने प्रेस को जारी बयान में कहा कि पूर्व कार्यकारणी के कार्यकाल में भी वह सभा के प्रधान जीतराम गौतम की कार्यकारिणी में पदाधिकारी रह चुके हैं, उस बख्त प्रधान ने उनकी परफॉर्मेंस पर कभी सवालिया निशान नहीं उठाए और वर्तमान में जब वह फिर से चुनाव जीतकर कार्यकारिणी के सदस्य और पदाधिकारी बने तो उनकी परफॉर्मेंस को लेकर उंगली उठाकर वह उल्टा चोर कोतवाल को डांटे वाली बात साबित करने में लगे हैं।
उन्होंने कहा कि बीडीटीएस सभा के प्रधान द्वारा ऑपरेटर्स के हितों को नहीं देखते हुए और कम्पनी का फायदा सोचते हुए उठाए गए गलत निर्णयों पर जब उन्होंने कार्यकारिणी में पदाधिकारी होने के नाते टोका तो बीडीटीएस प्रधान ने उनके खिलाफ गलत बयानबाजी कर सभा के ऑप्रेट्र्स को गुमराह करने करने की कोशिश में जुट गए हैं। उन्होंने कहा कि किराए की वार्षिक वृद्धि के लिए बीडीटीएस कार्यकारिणी ने एसीसी प्रबंधन के साथ हाल ही में बैठक कर बढ़ती महंगाई को नहीं देखते हुए 3.97प्रतिशत रेट बड़ोतरी की है, जबकि अनुबंध फार्मूले के अनुसार रोजाना बड़ रही महंगाई के कारण 6.92 रेट बड़ोतरी होनी चाहिए। सीमेंट से भरी गाडियां आज तक डंपो में 5 या 6 दिन से पहले खाली नहीं हो रही है और सभा के प्रधान ऑपरेटर्स और विशेष कर गाड़ी चालकों की इस गंभीर समस्या पर कम्पनी प्रबंधन को चेताने की अपेक्षा कार्यकारिणी के सदस्यों पर आरोप लगाने में लगे हैं।
उन्होंने कहा कि हाल ही में प्रधान द्वारा ऑनलाइन डिमांड को लेकर कुछ सदस्यों पर छींटा कसी करते हुए कहा गया कि ऑनलाइन डिमांड के कारण कुछ सदस्यों का जुगाड़ बंद होने से वह उनके खिलाफ हो गए हैं, जबकि ऑनलाइन डिमांड से कार्यकारिणी के किसी भी सदस्य को कोई आपत्ति नहीं है और जिन सदस्यों पर प्रधान इस तरह का आरोप जड़ रहे हैं वह कार्यकारिणी सदस्य पूर्व में भी कार्यकारिणी के पदाधिकारी रहकर वर्तमान प्रधान के साथ मिलकर कार्य कर चुके हैं।
उनका कहना है कि बीडीटीएस प्रधान द्वारा ऑपरेटर्स हितों को दरकिनार कर एसीसी प्रबंधन की चाटुकारिता करने में लगे हैं, जिस कारण उन्होंने बीडीटीएस कार्यकारिणी में पदाधिकारी का पद त्याग कर कार्यकारिणी का सदस्य बनकर उसका विरोध करना ही उचित समझा।