एशिया एंड इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज हुआ जुआरे कार्यक्रम का नाम

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आवाज़ ए हिमाचल 

 कुल्लू, 9 जुलाई। पर्यावरण दिवस पर आपदा से निपटने के लिए पांच जून को तैयार जुआरे कार्यक्रम का नाम एशिया एंड इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज हो गया है। इस दिन जिले के 61,498 लोगों को एक साथ प्रशिक्षित किया गया था। ढालपुर स्कूल में जुआरे कार्यक्रम के दौरान एशिया एंड इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स की टीम भी पहुंची थी। जिले की 235 पंचायतों तथा छह शहरी निकायों में यह कार्यक्रम हुआ था। इस दौरान स्कूली बच्चों और आम लोगों को आपदा से निपटने के बारे में जागरूक किया गया था।

शुक्रवार शाम को अटल सदन कुल्लू में आयोजित कार्यक्रम में शिक्षा मंत्री गोविंद ठाकुर मौजूद रहे। उन्होंने कहा कि जुआरे कार्यक्रम के लिए एशिया एंड इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में नाम दर्ज होने का प्रमाण पत्र मिल गया है। पंचायत स्तर पर सबसे अधिक लोगों की भागीदारी के लिए मलाणा पंचायत प्रथम रही। पंचायत को जुआरे भवन का निर्माण करने के लिए पांच लाख रुपये की राशि पुरस्कार के रूप में दी गई।

गोविंद ठाकुर ने कहा कि आपदा की आशंका को टाला नहीं जा सकता, लेकिन उचित जानकारी होने पर जानमाल के नुकसान को कम किया जा सकता है। राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सदस्य सचिव कमल किशोर ने कहा कि जिला कुल्लू में शुरू किए गए इस कार्यक्रम को देश के अन्य जिलों में लागू करने की दिशा में प्रयास किए जाएंगे। आपदा प्रबंधन के लिए स्थानीय क्षमताओं की भागीदारी सुनिश्चित करना आवश्यक है।

अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी प्रशांत सरकैक ने कहा कि प्रदेश में भूकंप, भूस्खलन, आगजनी, बाढ़, सड़क दुर्घटना आदि आपदाओं के खतरे को देखते हुए प्रशासन ने समुदाय आधारित आपदा जोखिम प्रबंधन कार्यक्रम जुआरे क्रियान्वित करने का निर्णय लिया है।

मंडलीय आयुक्त मंडी राखिल काहलों ने कहा कि इस कार्यक्रम ने देश के अन्य राज्यों के लिए भी आपदा जोखिम को कम करने की दिशा में महत्वपूर्ण संदेश दिया है। जुआरे नाट्य मंचन पर आधारित एक डाक्यूमेंटरी तैयार की गई है। आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के संयुक्त सचिव कुनाल सत्यार्थी भी उपस्थित थे।

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