लगातार बढ़ रही टिकटार्थियों की संख्या ने टेंशन में डाले कार्यकर्ता, भाजपा खुश
आवाज़ ए हिमाचल
आशीष पटियाल, शाहपुर।
6 जुलाई। विधानसभा चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आ रहे हैं, बैसे-बैसे शाहपुर कांग्रेस की टिकट के लिए एक अनार सौ बीमार की स्थिति बनती जा रही है। शाहपुर कांग्रेस में स्थिति यह है कि पदाधिकारियों कम और टिकट चाहवान ज्यादा दिख रहे हैं। वर्तमान में शाहपुर विधानसभा क्षेत्र से एक दर्जन से ज्यादा टिकटार्थी हो गए हैं।हर कोई अपने-अपने तरीके से टिकट की मांग कर रहा है। शाहपुर विधानसभा क्षेत्र से रोजाना बढ़ रही कांग्रेस टिकटार्थियों की संख्या से जहां पार्टी कार्यकर्ता निराश है तो वहीं भाजपा खुश है। भाजपा का खुश होना लाजमी भी है, क्योंकि कांग्रेस नेताओं की आपसी लड़ाई का फायदा पिछले 15 सालों से जो मिल रहा है।
शाहपुर कांग्रेस की बात की जाए तो वर्तमान में पूरी कमान केवल सिंह पठानिया संभाले हुए हैं तथा पिछले चार सालों से दिन रात फील्ड में डटे हुए हैं। केवल वर्तमान में कांग्रेस के सबसे मजबूत प्रत्यासी माने जा रहे हैं। विभिन्न एजेंसियों द्वारा करवाए गए सर्वे में भी केवल पठानिया सबसे आगे चल रहे हैं, लेकिन बाबजूद इसके रोजाना आ रहे नए-नए दावेदारों ने कंग्रेस कार्यकर्ताओं को कहीं न कहीं परेशानी में जरूर डाल दिया है। मंगलवार को क्षेत्र के गद्दी नेताओं ने शाहपुर विधानसभा क्षेत्र से टिकट पर अपना दावा ठोक कांग्रेस के बीच चल रही लड़ाई को और रोचक कर दिया है।
अहम यह है कि शाहपुर रेस्टहाउस में पत्रकारवार्ता कर बैजनाथ, पालमपुर, शाहपुर व धर्मशाला विधानसभा क्षेत्रों में गद्दी समुदाय को टिकट देने की पैरवी करने वाले सभी नेता शाहपुर विधानसभा क्षेत्र से ही संबंध रखते हैं तथा इसमें भी बड़ी बात यह है कि यह सभी कांग्रेस पार्टी से तालुक रखते हैं।
प्रेस कांफ्रेंस में शामिल मनोज कुमार व हंसराज ठाकुर ने तो शाहपुर से कांग्रेस की टिकट पर अपना-अपना दावा भी ठोक दिया। हवाला यह भी दिया गया कि पिछले चुनावों में (2011 की जनगणना के मुताबिक) शाहपुर विधानसभा क्षेत्र से गद्दी समुदाय के 22 हज़ार मत थे तथा अब इसकी संख्या बढ़ गई है।
शाहपुर कांग्रेस की अगर बात की जाए तो यहां से वर्तमान में केवल सिंह पठानिया, जितेंद्र गुलेरिया, राणा ओंकार सिंह, कर्ण परमार, हंसराज, मनोज कुमार और गगन ठाकुर, बलवीर चौधरी टिकट पर अपना दावा ठोक रहे हैं। टिकट किसे मिलेगी यह तो आने वाले समय में ही पता चलेगा, लेकिन रोजाना बढ़ रही टिकटार्थियों की संख्या ने यह साफ कर दिया है कि शाहपुर कांग्रेस की हालत एक अनार सौ बीमार जैसी ही है।