कर्मचारियों के पैसे पर कुंडली मारकर बैठने का हक किसी को नहीं: मन्हास

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आवाज़ ए हिमाचल 

काँगड़ा, 2 जुलाई। कांगड़ा 02/07/2022 नई पेंशन स्कीम कर्मचारी महासंघ के जिला प्रधान रजिंदर मन्हास ने पिछले कल समाचार पत्रों में छपी एनएसडीएल के पत्र की खबर, जिसमें कहा गया है कि एनपीएस के तहत कार्यरत सरकारी कर्मचारियों का एनएसडीएल के पास जमा पैसा अगर प्रदेश सरकार वापिस मांगेगी तो एनएसडीएल उसमें से 80% राशि की कटौती करेगा, पर को लेकर अपना विरोध दर्ज किया है।

मन्हास ने 2 फरवरी 2022 की एक आर.टी.आई. का हवाला देते हुए कहा कि मांगी गई आरटीआई में बताया गया है कि अभी तक हिमाचल में 7782 एनपीएस कर्मचारी उच्च न्यायालय के अलग-अलग आदेशों के माध्यम से पुरानी पेंशन में आए है और उनका पैसा भी राज्य सरकार को एनएसडीएल ने व्याज सहित लौटाया है तो ऐसे में एनएसडीएल का यह पत्र समझ से परे हैं, जिसमे कर्मचारी के 80%” पैसे की कटौती की बात लिखी गई है।

जिला प्रधान ने कहा कि ऐसा सिर्फ तब होता है जब कर्मचारी प्रीस्टेज रिटारमेंट लेता है तब भी उसे 80% राशि का एन्युटी प्लान खरीदने की शर्त दी जाती है तो ऐसे में सिर्फ यह पत्र कर्मचारियों को डराने के लिए जारी किया गया है। अब केंद्र सरकार तय करे कि बह इन कम्पनियों पर अंकुश लगाएगी या फिर कर्मचारी इनके तुगलकी फरमानों का विरोध अपने स्तर पर करें।

जिला प्रधान ने कहा कि सरकारी कर्मचारियों का पैसा खून पसीने की कमाई है इसे किसी भी सूरत में कम्पनियों को कुंडली मार नहीं बैठने दिया जाएगा। मन्हास ने कहा कि प्रदेश सरकार और केंद्र सरकार यह पैसा जबरदस्ती काट इन कंपनियों को भेजती है तो इसे वापिस लाने की भी सामूहिक जिम्मेवारी दोनो सरकारों की है।

जिला प्रधान ने प्रदेश के सभी कर्मचारियों को एकजुट होकर पुरानी पेंशन बहाली हेतु प्रयास करते रहने की अपील की और ऐसे पत्रों से बिल्कुल भी विचलित न होने की सलाह दी। जिला प्रधान ने कहा कि राजस्थान और छत्तीसगढ़ की तरह भी हिमाचल प्रदेश में पुरानी पेंशन बहाल करवा कर रहेंगे।

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