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आइए जानते हैं, क्या होती है जेड श्रेणी सुरक्ष
जेड श्रेणी: जेड श्रेणी की सुरक्षा में चार से पांच एनएसजी कमांडो सहित कुल 22 सुरक्षागार्ड तैनात होते हैं। इसमें दिल्ली पुलिस, आईटीबीपी या सीआरपीएफ के कमांडो व स्थानीय पुलिसकर्मी भी शामिल होते हैं। एसपीजी सुरक्षा: स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप (एसपीजी) की सुरक्षा सिर्फ प्रधानमंत्री, पूर्व प्रधानमंत्री और उनके परिजनों को दी जाती है। लेकिन पूर्व प्रधानमंत्रियों के लिए यह सुरक्षा केवल छह महीने तक रहती है। एसपीजी में देश के सबसे जांबाज सिपाही शामिल होते हैं। एसपीजी 2 जून, 1988 में भारत की संसद के एक अधिनियम द्वारा बनाया गया था। इसमें शामिल जवानों का चयन पुलिस, पैरामिलिट्री फोर्स (बीएसएफ, सीआईएसएफ, आईटीबीपी, सीआरपीएफ) से किया जाता है। जेड प्लस श्रेणी: स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप की सुरक्षा के बाद जेड प्लस भारत की सर्वोच्च सुरक्षा श्रेणी है। इस श्रेणी में संबंधित विशिष्ट व्यक्ति की सुरक्षा में 36 जवान होते हैं। इसमें 10 से ज्यादा एनएसजी कमांडो के साथ दिल्ली पुलिस, आईटीबीपी या सीआरपीएफ के कमांडो और राज्य के पुलिसकर्मी शामिल होते हैं। हर कमांडो मार्शल आर्ट और निहत्थे युद्ध करने की कला में माहिर होता है। सुरक्षा में लगे एनएसजी कमांडो के पास एमपी 5 मशीनगन के साथ आधुनिक संचार उपकरण भी होता है।
इसके अलावा इनके काफिले में एक जैमर गाड़ी भी होती है जो मोबाइल सिग्नल जाम करने का काम करती है। देश में चुनिंदा लोगों को ही जेड प्लस की सुरक्षा प्राप्त है। वाई श्रेणी की सुरक्षा : यह सुरक्षा का तीसरा स्तर होता है। कम खतरे वाले लोगों को यह सुरक्षा दी जाती है। इसमें कुल 11 सुरक्षाकर्मी शामिल होते हैं। जिसमें दो पीएसओ (निजी सुरक्षागार्ड) और एक या दो कमांडो तैनात होते हैं। देश में सबसे ज्यादा लोगों को वाई श्रेणी की सुरक्षा दी गई है।एक्स श्रेणी: इस श्रेणी में दो सुरक्षा गार्ड तैनात होते हैं। जिसमें एक पीएसओ (व्यक्तिगत सुरक्षा अधिकारी) होता है। देश में काफी लोगों को एक्स श्रेणी की सुरक्षा प्राप्त है। इस सुरक्षा में कोई कमांडो शामिल नहीं होता।