आवाज़ ए हिमाचल
शिमला, 17 जून। हिमाचल प्रदेश के शिमला जिले की टिक्कर उप तहसील में अवैध रूप से वन कटान की जांच पूरी होने से पहले वन भूमि पर अतिक्रमण का मामला सामने आ गया है। शिकायत पत्र के आधार पर प्रदेश उच्च न्यायालय ने इस पर संज्ञान लिया है।
हाईकोर्ट ने प्रदेश सरकार के मुख्य सचिव, प्रधान सचिव वन विभाग, प्रधान सचिव राजस्व, प्रधान मुख्य अरण्यपाल वन विभाग, उपायुक्त शिमला और डीएफओ रोहडू से एक सप्ताह में इस मामले में जवाब मांगा है।
प्रदेश उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के नाम से भेजे गए एक शिकायत पत्र में आरोप लगे हैं कि टिक्कर तहसील के कई स्थानों पर वन भूमि पर जंगलों को काटकर लोगों ने अतिक्रमण किया है।
पत्र में वन विभाग और राजस्व विभाग पर लापरवाही के आरोप लगे है। पत्र को आधार मानकर प्रदेश उच्च न्यायालय ने संज्ञान लिया है और 13 जून को आदेश जारी किए। इसमें मुख्य सचिव सहित पांच अधिकारियों से 21 जून से पहले जवाब मांगा गया है। इससे पहले 18 मई को टिक्कर वन रेंज में अवैध वन कटान की शिकायत अधिकारियों को दी गई थी।
इस शिकायत के बाद टिक्कर के रेंज ऑफिसर, बीओ और गार्ड को सस्पेंड किया गया। शिकायत की जांच के दौरान वन विभाग की टीम ने 74 पेड़ों के अवैध कटान का खुलासा किया। 14 लोगों के खिलाफ पुलिस में मामला दर्ज हुआ है।
टिक्कर वन रेंज में गुरुवार को सर्च अभियान के दौरान डीएफओ रोहडू की अध्यक्षता में टीम ने जंगल से करीब 27 पेडों के कटे तने फिर बरामद किए हैं। अब तक कटे पेड़ों की संख्या 100 के करीब पहुंच चुकी है।
प्रदेश उच्च न्यायालय की ओर से लिए गए संज्ञान की सूचना मिली है। न्यायालय ने उनसे जवाब मांगा है। एक सप्ताह में जवाब उच्च न्यायालय के सामने रखा जाएगा। जंगल में तलाशी के दौरान वीरवार को भी पेड़ों के कटे तने जंगल में मिले हैं। -शहनवाज भट्ट, डीएफओ रोहडू