अग्निपथ के विरोध पर युवाओं की गिरफ्तारी निंदनीय: सीटू

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आवाज़ ए हिमाचल

पालमपुर, 16 जून। सीटू की काँगड़ा जिला कमेटी ने आर्मी भर्ती,अग्निपथ योजना के ज़रिए चार साल के लिए सेना में अग्निवीर की नियुक्ति आदि मुद्दों पर आंदोलनरत युवाओं व सीटू नेताओं डॉ कश्मीर ठाकुर, जोगिंद्र कुमार व सुरेश राठौर के साथ हमीरपुर पुलिस द्वारा दमन व गिरफ्तारी के कदम की कड़ी निंदा की है और  इसे राज्य द्वारा प्रायोजित तानाशाही करार दिया है।

सीटू जिला कमेटी ने ऐलान किया है कि इस मुद्दे पर सीटू ,युवाओं के प्रदेशव्यापी आंदोलन को समर्थन देगा व उनके प्रदर्शनों में बढ़-चढ़कर भाग लेगा।

सीटू के राज्य उपाध्यक्ष एवं जिला सचिव रविन्द्र कुमार, काँगड़ा के जिला अध्यक्ष केवल कुमार व वित्त सचिव अशोक कटोच ने हमीरपुर में किये गए पुलसिया दमन को तानाशाही करार दिया है। उन्होंने कहा कि एक लोकतांत्रिक देश में शांतिपूर्वक प्रदर्शनों का दमन, उनको तितर-बितर करना व गिरफ्तारियां करना केंद्र व प्रदेश सरकार की तानाशाही मानसिकता को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार सेना भर्ती के मामले पर युवाओं से लगातार छलावा कर रही है।

उन्होंने कहा कि अग्निपथ योजना के अंतर्गत भर्ती होने वाले जवानों को सेवानिवृति पर पेंशन व ग्रेच्युटी भी नहीं मिलेगी। चार वर्ष की नौकरी के बाद महज़ 22 वर्ष की उम्र ये युवा जवान बेरोजगार हो जाएंगे व उनका भविष्य अनिश्चितताओं से भरा रहेगा। उन्हें चार साल की नौकरी के बाद केवल 11 लाख का भुगतान करके उनकी सामाजिक सुरक्षा पर सरकार ने प्रश्न चिन्ह लगा दिया है जबकि नियमित रोज़गार के दौरान सेवानिवृत्ति पर यह राशि इसके मुकाबले कई गुणा ज़्यादा होनी थी। अगर ये जवान अग्निवीर के बजाए नियमित जवान के रूप में भर्ती होते तो सेवानिवृति के समय में न केवल पेंशन व ग्रेच्युटी के हकदार होते अपितु अपने सम्पूर्ण जीवनकाल में सम्मानजनक वेतन हासिल करते। नवउदारवादी नीतियों के प्रभाव से अब तक लगभग मुक्त रही सेना को भी केंद्र सरकार ने नहीं बख्शा है। यह सरकार जवानों के साथ आर्थिक भ्रष्टाचार भी कर रही है। चार वर्ष के रोज़गार की आड़ में सेना के नियमित एक लाख रोजगारों को खत्म करने की पटकथा लिखी जा चुकी है। देश के अन्य कर्मचारियों की तर्ज़ पर सेना में पेंशन को खत्म करने का ब्लू प्रिंट तैयार हो चुका है।

उन्होंने कहा कि अग्निपथ योजना के ज़रिए अग्निवीर जवानों की भर्ती इसका ही अगला कदम है। यह नियमित रोज़गार को खत्म करने की साज़िश है तथा देश की सुरक्षा से समझौता है जिसे सीटू कतई बर्दाश्त नहीं करेगी।

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