प्रशासन-पंचायत व एफआरए से मिल चुकी है मंजूरी
आवाज़ ए हिमाचल
बिलासपुर, 28 मई। बिलासपुर में टॉय मैनुफैक्चरिंग क्लस्टर स्थापित करने को लेकर तैयारी चल रही है। केंद्र की मोदी सरकार के संकल्प मेड इन इंडिया को साकार करने की दिशा में यह उद्योग मददगार साबित होगा। हिमाचल प्रदेश में यह पहला ऐसा उद्योग स्थापित होगा, जहां टॉय विनिर्माण क्लस्टर बनेगा और विभिन्न प्रकार के खिलौने तैयार किए जाएंगे। इस प्रोजेक्ट के लगने से स्थानीय लोगों के लिए प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष तौर पर रोजगार के अवसर भी सृजित होंगे।
जानकारी के मुताबिक सरकार ने बिलासपुर के पंजगाईं में टॉय मैनुफैक्चरिंग क्लस्टर स्थापित करने की योजना तैयार की है, जिसके लिए पंजगाईं को चुना है और वहां पर 41 बीघा जमीन चिन्हित गई है। इसके लिए बाकायदा जिला प्रशासन, पंचायत की एनओसी मिलने के साथ ही एफआरए की परमिशन भी मिल चुकी है।
उद्योग विभाग के माध्यम से यह क्लस्टर स्थापित होगा। उद्योग विभाग द्वारा पीडब्ल्यूडी, जलशक्ति विभाग और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की एनओसी के लिए पत्राचार किया जा रहा है। केंंद्र सरकार ने पहले ही चाइनीज सामान के आयात पर रोक लगा रखी है और देश में ही सामान तैयार के लिए लोकल फॉर वोकल के नारे को बुलंद किया है।
इसके तहत बाहर से आयात होने वाली वस्तुओं को देश भर में ही तैयार करने की योजना पर काम चल रहा है। योजना के तहत प्रदेश में टॉय मैनुफैक्चरिंग कलस्टर स्थापित होने के बाद क्लस्टर बनाकर टॉयज की प्रोडक्शन शुरू की जाएगी। इसके लिए दस से पंद्रह क्लस्टर बनाए जाएंगे और सभी क्लस्टर अलग-अलग तरह के खिलौने तैयार करेंगे, जिनकी मार्केटिंग देश व प्रदेश भर में की जाएगी।
उद्योग विभाग बिलासपुर के महाप्रबंधक राजेंद्र कुमार ने बताया कि बिलासपुर के पंजगाईं में टॉय मैनुफैक्चरिंग क्लस्टर स्थापित करने की योजना है, जिसके लिए पंजगाईं में 41 बीघा जमीन चिन्हित की गई है। जिला प्रशासन, संबंधित पंचायत और एफआरए की परमिशन मिलने के बाद अब जल्द ही फोरेस्ट क्लीयरेंस के लिए केस तैयार कर आगे भेजा जाएगा। एफसीए क्लीयरेंसके बाद डीपीआर तैयार की जाएगी और आगे की योजना पर काम चलेगा।