संस्थाओं ने योग अनुसंधान को गति देने के लिए समझौता ज्ञापन पर किये हस्ताक्षर
आवाज़ ए हिमाचल
शांति गौतम, बीबीएन
13 मई। योग को घर-घर तक पहुंचाने तथा योग अनुसंधान में गति देने के उद्देश्य से योग भारती हिमाचल और हिमाचल विश्वविद्यालय शिमला के बीच समझौता ज्ञापन हुआ है।
योग भारती हिमाचल के प्रांत सदस्य रूप किशोर योगी ने जानकारी देते हुए बताया कि हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय शिमला योग विभाग द्वारा छात्रों को योग का सैद्धान्तिक अध्ययन करवाया जायेगा तथा व्यवहारिक अध्ययन के लिए योग भारती हिमाचल एवं हिमाचल शिक्षा समिति के केंद्रों में 7 से 15 दिनों का विशेषज्ञ योगाचार्यों द्वारा अध्ययन करवाया जाएगा।
योग भारती हिमाचल के संस्थापक श्रीनिवास मूर्ति ने बताया कि प्रारम्भ में यह योग सर्टिफिकेट कोर्स 3 महीने तथा 6 महीने के होंगे, जिन्हें बाद में बढ़ाया जाएगा। उन्होंने बताया कि 3 महीने का योग कोर्स करके कोई भी छात्र अपने क्षेत्र में योग केंद्र खोल सकते हैं तथा अपनी आजीविका को सुदृढ़ कर सकते हैं। वहीं 6 महीने के कोर्स के उपरांत किसी भी योग संस्थान अथवा अध्ययन केंद्र में योग शिक्षक की सेवाएं दे सकते हैं।
उन्होंने बताया कि भविष्य में योग के क्षेत्र में असीमित संभावनाएं हैं, इसलिए बेरोजगार युवक, युवतियों को यह शार्ट टर्म कोर्स करके स्वरोजगार की ओर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। उन्होंने कहा कि हिमाचल शिक्षा समिति के हिमाचल में 220 से अधिक स्कूल हैं तथा योग भारती का सोलन में 11 एकड़ जमीन पर उत्तर भारत का सबसे बड़ा योग, अनुसंधान एवं स्वास्थ्य का तीर्थ क्षेत्र बन रहा है जहां पर योग, प्राणायाम, एक्यूप्रेशर, न्यूरोपैथी, पंचकर्म, आयुर्वेफ, पंचगबय, षट्कर्म, प्राकृतिक चिकित्सा द्वारा स्वस्थ जीवन जीने का कम से कम 7 दिनों का अभ्यास करवाया जाता है। जिसे नियमित जीवन में अपनाकर हम उम्र भर के लिए अंग्रेजी दवाइयों से बच सकते हैं। और यह प्राकृतिक जीवन शैली जहां हमें आर्थिक तौर पर मजबूत बनाती है वहीं राष्ट्र निर्माण में भी हम अहम भूमिका निभाते हैं।
इस अवसर पर प्रदेश विश्वविद्यालय के उपकुलपति डॉक्टर ज्योति प्रकाश, प्रो नागेश चंदेल, योग भारती हिमाचल की अध्यक्षा मीनाक्षी और हिमाचल शिक्षा समिति के अध्यक्ष मोहन केष्टा ने समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए।