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नई दिल्ली, 5 मई। कश्मीर में आतंकी मुठभेड़ के दौरान जवानों के बुलेटप्रूफ जैकेट भेदने वाली अमेरिकी कवच भेदी गोलियों का इस्तेमाल कर रहे हैं। यह गोलियां अमेरिकी सेना के अफगानिस्तान में छोड़े गए हथियारों का हिस्सा बताई जा रही हैं।
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक आतंकवादियों ने मेड इन कनाडा नाइट साइट्स का उपयोग भी किया है। यह अमेरिकी सैनिकों का बचा हुआ स्टॉक है।
इस गंभीर मुद्दे पर सेना के शीर्ष अधिकारियों ने अप्रैल में आयोजित सैन्य कमांडरों के सम्मेलन में चर्चा की थी। कवच भेदी गोलियां बुलेटप्रुफ जैकेट को भेद देती हैं। इससे मुठभेड़ में शामिल सैनिकों के लिए समस्याएं पैदा हो रही हैं। सेना ने भी इन गोलियों से खतरे से निपटने के लिए उपाय खोजना शुरू कर दिया है।
चिनार कोर के शीर्ष अधिकारी ने बताया कि मुठभेड़ के दौरान आतंकियों ने इन गोलियों का इस्तेमाल किया और कुछ बुलेटप्रूफ जैकेटों को भेद दिया है। अब तक जवान स्तर 3 जैकेट का उपयोग कर रहे थे। इस घटना के बाद अब स्तर 4 जैकेट का इस्तेमाल किया जाएगा। जो इन गोलियों का मुकाबला कर सकते हैं।
इससे पहले भी आशंका जताई गई थी कि अफगानिस्तान में बचे हुए अमेरिकी हथियारों का इस्तेमाल आतंकवादी घाटी में कर रहे हैं। इसमें संचार उपकरण और अन्य हथियार शामिल हैं। मुठभेड़ के दौरान कश्मीर में आतंकियों से अमेरिकी एम-16 असॉल्ट राइफलें और एम-4ए कार्बाइन मिल चुकी हैं।