आवाज़ ए हिमाचल
बद्दी (सोलन), 27 अप्रैल। हिमाचल प्रदेश में मार्च में तैयार 13 समेत देश की 48 दवाओं के सैंपल फेल हो गए। क्षेत्रीय औषधि मानक नियंत्रक संगठन के मार्च के ड्रग अलर्ट में ये दवाएं मानकों पर सही नहीं उतरी हैं। इनमें दर्द निवारक, एलर्जी, उच्च रक्तचाप, उल्टी, किडनी, बवासीर, बुखार और संक्रमण की दवाएं शामिल हैं। कुल 1454 दवाओं के सैंपल लिए गए थे, जिनमें 1406 दवाओं के सैंपल पास हुए हैं।
प्रदेश ड्रग कंट्रोलर नवनीत मरवाह ने बताया कि कंपनियों को नोटिस जारी कर दिए हैं और बाजार में भेजी दवाओं के स्टॉक वापस लाने को कह दिया है।
प्रदेश की जिन दवाओं के सैंपल फेल हुए हैं, उनमें कांगड़ा के संसारपुर टैरेस की सीएमजी कंपनी की दर्द निवारक दवा गेटोलीन, बद्दी के ऐश्वर्य हेल्थ केयर की एलर्जी की दवा बुनेस 0.5 रेसपुलम, डलास कंपनी की उच्च रक्तचाप की टेलमीसारटन 40 एमजी, समाया हेल्थ केयर की बवासीर की दवा लिग्नोकेन हाईड्रोक्लोराइड, मखनू माजरा के मार्टिन एंड ब्राऊन बायो साइंस की संक्रमण की दवा मेट्रोनिस, नालागढ़ के सैणीमाजरा स्थित थ्योन फार्मा कंपनी की दर्द की ट्रिपसिन ब्रोमोलीन और उच्च रक्तचाप की टेलमीसारटन, कालाअंब के रामपुर जट्टान स्थित एडविन फार्मा की उल्टी की दवा एसोमीप्रोजोल, विद्यासा फार्मास्युटिकल कंपनी की मुहासे की दवा एसोट्रेटोनीन, लोदीमाजरा स्थित मेडीकोज फार्मा की किडनी की दवा, बरोटीवाला के कॉसमस फार्मा की उच्च रक्तचाप की दवा ओलमेसार्टन, पांवटा में लेबोट्रेट फार्मास्युटिकल की बुखार की दवा पैरासिटोमोल, सोलन के मैक्स रिलीफ हेल्थ केयर की बुखार की दवा पैरासिटामोल के सैंपल फेल हुए हैं।