आवाज़ ए हिमाचल
शिमला, 26 अप्रैल। हिमाचल प्रदेश के 550 और सरकारी स्कूलों में नर्सरी और केजी की कक्षाएं शुरू होंगी। छठी से आठवीं कक्षा के 50 सरकारी स्कूलों में प्री वोकेशनल शिक्षा दी जाएगी। प्रदेश में शिक्षा क्षेत्र की मजबूती के लिए केंद्र सरकार ने 950 करोड़ का बजट मंजूर किया है।
नई दिल्ली में शिक्षा मंत्रालय के तत्वावधान में हुई प्रोजेक्ट अप्रूवल बोर्ड की बैठक में बजट राशि मंजूर की गई। बीते वर्ष के मुकाबले वार्षिक योजना राशि में 164 करोड़ की बढ़ोतरी हुई है। वर्ष 2021-22 के लिए केंद्र सरकार ने 786 करोड़ रुपये का बजट मंजूर किया था।
प्रदेश के प्रधान सचिव शिक्षा डॉ. रजनीश और समग्र शिक्षा अभियान के राज्य परियोजना अधिकारी डॉ. वीरेंद्र शर्मा ने प्रदेश के प्रस्ताव से केंद्रीय अधिकारियों को शिक्षा में हो रही नवाचारी गतिविधियों से अवगत करवाया। शिक्षा मंत्रालय ने प्रदेश में शिक्षा में हो रहे कार्यों की प्रशंसा करते हुए इस वर्ष पिछले वित्त वर्ष के मुकाबले अधिक राशि स्वीकृत करने का फैसला लिया। प्रदेश में प्री प्राइमरी कक्षाओं की वर्तमान में संख्या 4,787 है।
अब 550 और स्कूलों में प्री प्राइमरी कक्षाएं शुरू होंगी। छठी से आठवीं कक्षा तक प्री वोकेशनल शिक्षा विद्यार्थियों को दी जाएगी। नौवीं कक्षा से स्कूलों में वोकेशनल शिक्षा दी जा रही है। छठी कक्षा से ही विद्यार्थियों में वोकेशनल शिक्षा के प्रति रुचि बढ़ाई जाएगी। विद्यार्थियों को अंग्रेजी भाषा में निपुण बनाने के लिए विशेष लैब बनाई जाएंगी। कंप्यूटर शिक्षा के लिए आईसीटी लैब को और अधिक मजबूत किया जाएगा। बीआरसी और प्राइमरी कक्षाओं के शिक्षकों के प्रशिक्षण पर बल दिया जाएगा।
इन क्षेत्रों में खर्च होगा बजट
स्कूलों के लिए वार्षिक अनुदान, निशुल्क पाठ्यपुस्तकें, वर्दी, अध्यापक प्रशिक्षण, शिक्षकों की शिक्षा, आधारभूत सुविधाओं, स्कूल पूर्व शिक्षा, फाउंडेशनल लिटरेसी (निपुण भारत), शिक्षा में नवाचारों के लिए, विशेष आवश्यकता वाले बच्चों के लिए, बालिकाओं के लिए, गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा के लिए, स्कूल प्रबंधन समिति एवं समुदाय के प्रशिक्षण पर इस बजट राशि को खर्च किया जाएगा।