आवाज़ ए हिमाचल
शिमला, 26 अप्रैल। हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला के जंगलों में आग बेकाबू होने पर वन विभाग अब हेलिकॉप्टर की मदद लेगा। इसके लिए विभाग ने नेशनल डिजास्टर रिस्पांस फोर्स (एनडीआरएफ) से संपर्क साधा है। विभाग के अनुसार एनडीआरएफ के एक हेलिकॉप्टर ने दो दिन पहले तारादेवी के जंगलों में उड़ान भरकर क्षेत्र की रेकी कर ली है।
हालांकि सोमवार को ज्यादातर जंगलों में आग नियंत्रण में रही। विभाग रोज आगजनी के मामलों की समीक्षा भी कर रहा है। विभाग के अनुसार मई और जून में गर्मी और बढ़ेगी। इसके अलावा चीड़ के जंगलों में सूखी पत्तियों की मात्रा भी कई गुना बढ़ जाएगी। ऐसे में जंगलों में आग भड़कने की आशंका है। वन अरण्यपाल एसडी शर्मा ने कहा कि हेलिकॉप्टर की मदद लेने के लिए एनडीआरएफ से संपर्क साधा है। आग बेकाबू होने पर इसकी मदद लेंगे।
राजधानी में आग की संवेदनशील बीटों पर फायर वाचरों की संख्या बढ़ाने का फैसला लिया है। शिमला शहर मंडल में 10 जबकि शिमला ग्रामीण वन मंडल में 52 बीटें हैं। इनमें आग वाली बीटों में एक एक फायर वाचर तैनात हैं। अब इनकी संख्या दोगुना की जाएगी। अधिकारियों ने इसके लिए विभाग से बजट बढ़ाने की भी मांग की है।
शहर में कई फायर वाचर ऐसे भी हैं जिन्हें दो साल से पैसा नहीं मिला है। वन विभाग गर्मियों के दिनों में दो महीने के लिए फायर वाचर तैनात करता है। इन्हें सरकार की तय दिहाड़ी के अनुसार पैसा जारी होता है। लेकिन शिमला शहर मंडल में कई वाचर ऐसे हैं जिन्हें बीते दो साल से पैसा नहीं मिला है। ऐसे में लोग भी वाचर बनने में ज्यादा दिलचस्पी नहीं दिखा रहे।