आवाज़ ए हिमाचल
अभिषेक मिश्रा, बिलासपुर
23 अप्रैल। हिमाचल प्रदेश कनिष्ठ अभियंता संघ के प्रदेशाध्यक्ष राजीव कुमार ने आरोप लगाया है कि लेटलतीफी के कारण पीडब्ल्यूडी विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों को नए वेतनमान से वंचित रखा गया है, जिससे अधिकारियों और कर्मचारियों में रोष की लहर है।
उन्होंने कहा कि सरकार ने अभी तक पदोन्नति को लेकर भी कोई कार्य नहीं किया है, जिससे कनिष्ठ अभियंता बिना पदोन्नति से ही सेवानिवृत हो रहे हैं। लंबे समय से एक ही पद पर काम कर रहे अभियंताओं को अब समाज में भी शक की निगाह से देखा जा रहा है।
उन्होंने कहा कि इसके लिए विभागीय आलाधिकारी दोषी हैं जो समय पर अपने अधीनस्थ कर्मचारियों की एसीआर रिपोर्ट नहीं भरते। इससे उनकी पदोन्नति के साथ-साथ भविष्य पर भी विपरीत असर पड़ रहा है। ऐसे अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्यवाही अमल में लाई जानी चाहिए ताकि अधिनस्थ कर्मचारियों के साथ पक्षपात न हो सके।
कुमार ने बताया कि संघ की समस्याओं को लेकर वे मुख्यमंत्री व प्रमुख प्रमुख अभियंता पीडब्ल्यूडी विभाग से शिमला में कई बार मिल चुके हैं, लेकिन परिणाम वही ढाक के तीन पाता। जो अधिकारी समय पर अपने अधीनस्थ कर्मचारियों की वार्षिक गोपनीय रिपोर्ट भरने में आनाकानी करते हैं, ऐसे अधिकारियों की जबावदेही भी तय होनी चाहिए। एसीआर रिपोर्ट समय पर न भरी जाने के कारण बिना लाभ के कर्मचारी सेवानिवृत हो रहे हैं। सरकार ने जो पे कमीशन लागू किया है इससे कर्मचारियों की रिकवरी हो रही है।
प्रदेशाध्यक्ष ने आरोप लगाते हुए मांग की है कि जिस प्रकार सरकार द्वारा कनिष्ठ अभियंताओं को वर्ष 2012 से पहले करियर प्रगति योजना के तहत 8.16.24 के तहत लाभ मिलता थाए बाद में सरकार ने दो साल के अंतराल के बाद करियर प्रगति योजना के तहत ग्रेड-पे बैंड 10,300.34ए 800 ग्रेड-पे 48सौ दी जाती थी और दस साल बाद पे-बैंड 15,600.39,100 ग्रेड-पे 54 सौ, व बीस साल बाद ग्रेड-पे 66 सौ अक्तूबर 2012 से दी जा रही थी, इस स्थिति को यथावत रखा जाए। उन्होंने कहा कि अब सरकार ने 3 जनवरी 2022 को भी एक अधिसूचना जारी की है कि जिसके तहत अधिकारियों और कर्मचारियों को इस सुविधा का लाभ मिल रहा थाए वह दो जनवरी 2022 तक लागू रहेगा, लेकिन चिंता का विषय यह है कि कनिष्ठ अभियंताओं को केवल मात्र 38 सौ रूपए के ग्रेड पे पर फिक्स किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि बीस साल से सरकार में सेवा देने के बावजूद 38 सौ रूपए ग्रेड.पे पर विराम लगा देना न्यायोचित नहीं है। राजीव कुमार ने कहा कि कनिष्ठ अभियंताओं के भविष्य का निर्धारण करने वाले सलाहकारों को चाहिए कि वे सरकार की करियर प्रगति योजना में बाधक न बनें और इस योजना का लाभ जो तकनीकी हिसाब से मिल रहा था, मिलता रहे। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के निर्णयों से अभियंताओं के न सिर्फ भविष्य पर असर पड़ेगा बल्कि उनका मनोबल भी टूटेगा। उन्होंने कहा कि एक कनिष्ठ अभियंता पद पर दो दशकों से ज्यादा समय तक सेवा करने पर उनके ग्रेड.पे में बढ़ोतरी होना स्वाभाविक है। लेकिन चिंता का विषय है कि नई अधिसूचना के अनुसार इस बढ़ोतरी पर कैंची चलाकर दोबारा 38 सौ करने की कवायद पर जोर दिया जा रहा है जोकि कनिष्ठ अभियंताओं को कतई बर्दाश्त नहीं है।
उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में मंहगाई चरम पर है तथा पारिवारिक खर्चे निरंतर बढ़ रहे हैं लेकिन सरकार के सलाहकार उल्टी गंगा बहाने के लिए निरंतर प्रयासरत हैं। राजीव कुमार ने मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर से मांग की है कि करियर प्रगति योजना से खिलवाड़ न करते हुए इस योजना को आगे भी निरंतर जारी रखा जाए। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री स्वयं इस संवेदनशील मामले में हस्तक्षेप करें और स्थिति को पूर्वव्रत रखें ताकि कनिष्ठ अभियंताओं का भविष्य सुरक्षित रह सके।