दुनिया के लिए आयुष डेस्टिनी बनेगा भारत, शिखर सम्मेलन में मोदी ने बताया लक्ष्य

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आवाज़ ए हिमाचल 

गांधीनगर, 20 अप्रैल। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आयुर्वेद और वैकल्पिक चिकित्सा पद्धति में निवेश एवं शोध को प्रोत्साहन देने के लिए बुधवार को 3 दिन के वैश्विक आयुष निवेश एवं नवाचार शिखर सम्मेलन का उद्घाटन किया। इस अवसर पर मॉरीशस के प्रधानमंत्री प्रविंद्र जगन्नाथ और विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक ट्रेडोस गेब्रेयसस भी मौजूद थे।

केंद्रीय आयुष मंत्री सर्वानंद सोनोवाल, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री मनसुख मांडविया और गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल, आयुष राज्य मंत्री डॉ. महेंद्र भाई कालूभाई मंजूपारा तथा अन्य गणमान्य व्यक्ति मौजूद रहें। समारोह में कई देशों के राजदूत और प्रतिनिधि भी उपस्थित थे। उद्घाटन सत्र में भारत ने आयुर्वेद के क्षेत्र में सहयोग के लिए छह देशों अर्जेंटीना, ब्राजील, कनाडा, मैक्सिको और फिलीपींस के साथ सहमति पत्रों का आदान-प्रदान किया।

इस अवसर पर आयुष चिकित्सा प्रणाली में उल्लेखीय योगदान करने के लिए कुछ व्यक्तियों को सम्मानित भी किया गया। तीन दिन तक चलने वाले इस सम्मेलन में प्रमुख उद्योगपतियों, शिक्षाविदों और विद्वानों की भागीदारी रहेगी। इसमें पारम्परिक औषधियों और प्रणालियों को बढ़ावा देने पर विचार- विमर्श होगा।

सम्मेलन के तहत, पांच विस्तृत सत्र, आठ गोलमेज सम्मेलन, छह कार्यशालाएं, दो संगोष्ठियां होंगी। इसके अलावा सम्मेलन में 90 प्रतिष्ठित वक्ता और 100 प्रदर्शक रहेंगे। इसमें विभिन्न दूतावासों, उद्योगों और शीर्ष कंपनियों के प्रतिनिधि होंगे। सम्मेलन के उद्देश्यों में भारत को दुनिया में वैश्विक आयुष स्थल के रूप में तैयार करने के लिए निवेश आकर्षित करना शामिल है।

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