आवाज़ ए हिमाचल
सोलन, 18 अप्रैल। देश भर के 37 कैंट अस्पतालों में अब आयुर्वेदिक पद्धति से भी इलाज किया जाएगा। इन अस्पतालों में एक मई से आयुर्वेद केंद्र खोले जाएंगे। हिमाचल प्रदेश के डगशाई, कसौली, जतोग, सुबाथू, बकलोह और डलहौजी कैंट अस्पतालों में भी यह सुविधा शुरू की जा रही है।
देश के इन कैंट अस्पतालों में मिलेगी सुविधा
आगरा, इलाहाबाद (प्रयागराज), बरेली, देहरादून, मोह, पंचमरीट, शाहजहांपुर, जबलपुर, बंदामीबाग, बैरकपुर, अहमदाबाद, देहूंरोड, खड़की, फिरोजपुर, जालंधर, जम्मू, सिकंदराबाद, कसोल, झांसी, बबिना, रुड़की, कैमटी, रानीखेत, लेडसडाउन, रामगढ़, मथुरा, बैलगाम, वैलिगटन और अमृतसर।
रक्षा मंत्रालय और आयुष मंत्रालय के बीच हुए एमओयू (समझौता ज्ञापन) के बाद इसके आदेश जारी किए गए हैं। आदेशों में स्पष्ट किया गया है कि एक मई से कैंट क्षेत्रों में आयुर्वेद पद्धति से लोगों का उपचार किया जाएगा। रक्षा मंत्रालय ने इस सुविधा को शुरू कराने के लिए एक टीम का गठन भी किया है। आयुष मंत्रालय अनुभवी चिकित्सकों और फार्मासिस्टों की तैनाती कर रहा है।
उल्लेखनीय है कि देश भर में 62 कैंट हैं, जिनमें से पहले चरण में 37 कैंट अस्पतालों में यह सुविधा दी जाएगी। आल इंडिया कैंट वेलफेयर एसोसिएशन के महासचिव जितेंद्र खुराना, प्रदेश कैंट वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष राजकुमार सिंगला, उपाध्यक्ष मनीष शर्मा और सुबाथू कैंट के मनोनीत सदस्य रवि शर्मा ने रक्षा मंत्रालय के इस फैसले का स्वागत किया है।