आवाज़ ए हिमाचल
भठिंडा (पंजाब), 5 अप्रैल। हाल ही में हुए पंजाब के विधानसभा चुनावों में लाभ सिंह उगोहे खूब चर्चा में आई। लाभ सिंह (35), जिन्होंने पंजाब के मौजूदा मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी को भदौर सीट से हराया और सबको चौंका दिया। सोमवार को एक बार फिर वह चर्चा में आए, जब 22 साल बाद अपने स्कूल पहुंचे। इस स्कूल में उन्हें रिबन काटने के लिए मुख्य अतिथि बनाया गया था। यह बहुत ही भावुक पल भी था, क्योंकि इसी स्कूल में लाभ सिंह उगोके की मां बलदेव कौर सफाई कर्मचारी हैं।
स्कूल में कार्यक्रम चल रहा था। बेटा अतिथि था लेकिन मां स्कूल की साफ-सफाई में लगी थीं। वह बेटे के पास या उसके हो रहे सम्मान को देख तक नहीं पाईं। फंक्शन खत्म होने के बाद ही लाभ सिंह उगोके खुद अपनी मां के पास गए और फोटो खिंचवाई।
विधायक से जब पूछा गया कि वह स्कूल में मुख्य अतिथि बनकर कैसा महसूस कर रहे हैं तो उन्होंने कहा, ‘तो क्या हुआ अगर मैं एक विधायक हूं। जब मैं छोटा था तब मेरी मां की कमाई परिवार के लिए आय का एक बड़ा स्रोत थी। उसकी मामूली कमाई ने घर चलाने में काफी मदद की। अब, मेरी मां पर उतनी आर्थिक जिम्मेदारियां नहीं हैं क्योंकि मुझे विधायक का वेतन मिलेगा और मेरी पत्नी कपड़े सिलकर कमाती हैं, लेकिन मेरी मां अपनी नौकरी नहीं छोड़ना चाहती हैं। जन प्रतिनिधि के रूप में मेरा दर्जा उसके रास्ते में नहीं आएगा।’
मां और बेटे दोनों को कोई दिक्कत नहीं है और वे अपने-अपने घर में खुश हैं। लाभ सिंह नहीं चाहते कि उनकी मां संविदा नौकरी सिर्फ इसलिए छोड़ दे क्योंकि वह चुनाव जीतकर विधायक बन गए हैं। उनकी मां भी यही चाहती हैं। लाभ सिंह की मां ने कहा, ‘मेरे बेटे के विधायक होने के बावजूद मुझे स्वीपर के रूप में काम करने में कोई बुराई नहीं लगती है। वह अपना काम करेगा और मैं अपना।’
बलदेव कौर ने कहा, ‘घर पर मैं अभी भी उनकी मां हूं और कार्यस्थल पर एक ठेका कर्मचारी। लेकिन सरकार को लंबे समय तक ऐसी नौकरियों में लगे लोगों की शिकायतों पर गौर करना चाहिए, क्योंकि हर मां का एक विधायक बेटा नहीं होता है। यदि संभव हो, और यदि नियम अनुमति देते हैं, तो सरकार को मेरे जैसे संविदा कर्मचारियों की सेवाओं को नियमित करना चाहिए।’