आवाज ए हिमाचल
21 मार्च।हिमाचल प्रदेश राज्य सहकारी बैंक गृह सजा, फर्नीचर और उपकरण खरीद के लिए दस लाख रुपये तक रुपये ऋण देगा। सोमवार को बैंक के अध्यक्ष खुशीराम बालनाटाह की अध्यक्षता में सांगटी स्थित बैंक परिसर में निदेशक मंडल की बैठक में कई फैसले लिए गए। कर्मचारियों के लिए छठे वेतन आयोग की सिफारिशें भी लागू करने का फैसला हुआ।
इसके अलावा सहकारी सभाओं, कृषक उत्पाद संस्थाओं, स्वयं सहायता समूहों को भी दस लाख रुपये ऋण देने की योजना को मंजूरी दी गई। लोकसेवा आयोग के माध्यम से सहायक प्रबंधकों के 59, कनिष्ठ अभियंताओं के दो पद भरने का निर्णय भी हुआ। बैंक से सेवानिवृत्त कर्मचारियों को देय ग्रेच्युटी राशि को दस लाख से बढ़ाकर बीस लाख रुपये भी कर दिया गया है।
दो नई ऋण योजनाओं को भी स्वीकृति प्रदान की। पहली योजना में वर्तमान बैंक ग्राहकों के साथ-साथ नए ऋणियों को गृह सजा, फर्नीचर और अन्य उपकरण इत्यादि की खरीद के लिए 10 लाख तक की ऋण राशि उपलब्ध करवाने का प्रावधान किया गया है। साढ़े नौ फीसदी की ब्याज दर से ऋण मिलेगा। बैंक अध्यक्ष ने कहा कि देखा गया है कि अधिकतर लोगों की ओर से मकान का निर्माण करने के लिए बैंकों से लिए गए ऋण राशि के साथ अपनी जमा पूंजी का पूरा इस्तेमाल किया जा चुका होता है। निर्माण उपरांत उसे आवास में उपयोग में लाने के लिए शेष जमापूंजी नहीं बच पाती है। इस योजना के संचालन से बैंक ऋणियों को काफी सुविधा उपलब्ध होगी।
दूसरी ऋण योजना के तहत केंद्र सरकार की ओर से संचालित अनुदान आधारित लघु खाद्य प्रसंस्करण उद्यमों के उत्थान, सार्वजनिक ढांचागत संरचना विकास विपणन गतिविधियों के प्रोत्साहन के लिए ऋणियों को पूंजीगत निवेश अनुदान की सुविधा प्राप्त होगी। इस योजना में व्यक्तिगत ऋणी, सहकारी सभायें, कृषक उत्पाद संस्थायें, स्वयं सहायता समूह, साझेदार और निजी संस्थाएं पात्र होंगी। अधिकतम मुश्त 10 लाख रुपये तक की अनुदान राशि इस योजना में उपलब्ध होगी। इस ऋण को आठ साल की समय अवधि में चुकता किया जाएगा। बैठक में निदेशक मंडल के सदस्यों में शेर सिंह चौहान, प्रियव्रत शर्मा, पितांबर नेगी, राम गोपाल ठाकुर, प्रेम लाल सोनी, राकेश गौतम, विनय नेगी, द्रौपति ठाकुर, चंद्र भूषण नाग, विजय ठाकुर, अरविंद गुप्ता, लाज किशोर शर्मा के अलावा नाबार्ड क्षेत्रीय कार्यालय के प्रभारी एसके के मिश्रा, बैंक के प्रबंध निदेशक श्रवण मांटा, महा प्रबंधक डॉ. आरपी नैन्टा ने भाग लिया।