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नई दिल्ली, 19 मार्च। यूक्रेनी शहर खार्किव में मारे गए भारतीय छात्र नवीन शेखरप्पा ज्ञानगौदर के माता-पिता ने अपने बेटे के शरीर को चिकित्सा अनुसंधान के लिए दान करने का फैसला किया है। नवीन के पिता शंकरप्पा ने शनिवार को जानकारी देते हुए कहा कि मेरा बेटा चिकित्सा के क्षेत्र में कुछ हासिल करना चाहता था, लेकिन ऐसा हो नहीं सका। उन्होंने कहा कि नवीन के शरीर का उपयोग कम से कम अन्य मेडिकल छात्र पढ़ाई के लिए कर सकें इसलिए उनके परिवार ने चिकित्सा अनुसंधान के लिए शरीर दान करने का फैसला किया है।
इससे पहले, शुक्रवार को कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने स्पष्ट किया कि रूस- यूक्रेन में जारी रूस के बीच एक गोलाबारी के दौरान मारे गए नवीन का शव युद्धक्षेत्र से सोमवार को सुबह 3 बजे बेंगलुरु हवाई अड्डे पर पहुंचेगा।
हालांकि, पहले सरकार द्वारा शव रविवार को लाने की घोषणा की गई थी। बता दें कि कर्नाटक के मुख्यमंत्री ने नवीन शेखरप्पा के परिवार को 25 लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी है और परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने का वादा भी किया है।
नवीन के पिता ने बताया कि बेटे का शव 21 तारीख को सुबह 9 बजे तक उनके गांव पहुंच जाएगा। फिर वह वीरा शैव परंपरा के अनुसार पूजा करेंगे और इसके बाद इसे जनता के दर्शन के लिए रखेंगे। उन्होंने कहा कि वह बाद में शरीर को चिकित्सा अध्ययन के लिए एसएस अस्पताल दावणगेरे को दान कर देंगे। शंकरप्पा ने कहा कि वह इस बात से खुश हैं कि कम से कम उनके बेटे का शव वापस लाया गया है। नवीन के पिता ने आगे कहा कि सीएम ने मुझसे बात की और यह भी कहा कि वह बेंगलुरु हवाई अड्डे और गांव भी आएंगे।
बता दें कि एमबीबीएस के छात्र नवीन शेखरप्पा ज्ञानगौदर कर्नाटक के हावेरी जिले के रहने वाले थे। रूस द्वारा यूक्रेन पर की जा रही गोलाबारी का वह शिकार हो गए थे। नवीन जब युद्ध के 10वें दिन एक सुपरमार्किट में खाना लेने के लिए लाइन में लगे थे तो उसी समय हुए हमले में उनकी जान चली गई थी।