आवाज़ ए हिमाचल
शांति गौतम, बीबीएन
18 मार्च। फेडरेशन ऑफ़ इंडियन इंडस्ट्रीज के हिमाचल प्रदेश यूनिट के वाईस प्रेजिडेंट और क्योरटेक ग्रुप के मैनेजिंग डायरेक्टर सुमित सिंगला ने कहा कि चीन में शुरू हुई कोविड की तीसरी लहर का प्रभाव भारतीय मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर पर पड़ने लगा है। उन्होंने कहा कि चीन में पहली, दूसरी और अब तीसरी लहर शुरू होने के बाद पूरे विश्व में यह महामारी फैलने का खतरा बढ़ता जा रहा है। इस महामारी के चलते चीन में 11 शहरों में लॉकडाउन लग चुका है। इनमें चीन का टेक्निकल हब मन जाने वाला और ऑटोमोबाइल हब माना जाने वाला शहर भी शामिल है। इस समय चीन में रोजाना कोविड के 3300 केस आने लगे हैं। लॉकडाउन में कई पोर्ट एरिया भी शामिल है।
सुमित सिंगला ने केंद्र सरकार से मांग की कि देश के उद्योग को कोविड की तीसरी लहर का प्रभाव से बचने हेतु सरकार कच्चे माल की सप्लाई सुनिश्चित करे। कोविड की तीसरी लहर का प्रभाव होने से चीन के साथ-साथ दुनिया के अन्य देश भी प्रभावित होंगे।
सिंगला ने कहा की कोविड महामारी के दौरान देश में दवाओं के निर्माण में देश की दवा इंडस्ट्री ने दिन-रात कार्य किया। देश भर के 11 हज़ार उद्योग स्थापित हैं जिनमें से 3 हज़ार उद्योग गत वर्षों में ही सरकार की अनदेखा करने की नीतिओं के चलते बंद हो गए या होने की कगार पर हैं।
उन्होंने कहा कि जब चीन के वुहान शहर में कोविड महामारी 2019 नवंबर के चलते भारत में मार्च 2020 में लॉकडाउन लगाना पड़ा था इसी प्रकार 2021 और अब 2022 में वही स्थिति पैदा हो चुकी है। उन्होंने कहा कि भारत सरकार इस खतरे को भांपते हुए देश के उद्योग वर्ग को कोरोना की तीसरी लहर के संभावित खतरे से बचाने हेतु प्रयास करे। उन्होंने कहा कि पहले भी फार्मा उद्योग में प्रयुक्त होने वाले केमिकल्स की सप्लाई काफी समय तक प्रभावित हुई थी तब भी देश में फार्मा के कच्चे माल के रेटों में इतनी वृद्धि हुई थी।
सिंगला ने कहा कि जिन फार्मा उद्योगपतियों ने पुराने रेट पर आर्डर बुक किये हुए हैं उनको सरकारी आर्डर व निजी कंपनियों के आर्डर, बड़े हुए कच्चे माल के रेट पर सप्लाई करने में भरी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। उन्होंने कहा कि इस मुश्किल घड़ी में केंद्रीय सरकार को हस्तक्षेप कर देश के देश के उद्योग को बचाने हेतु तुरंत एक्शन लेने की मांग की।
ऍफ़ आई आई हिमाचल प्रदेश के उपाध्यक्ष सिंगला ने देश भर के फार्मा उद्योगपतियों को भी अपील की कि वह इस मुश्किल घड़ी में एकजुट होकर केंद्रीय सरकार को संयुक्त रूप में ज्ञापन देकर दबाव बनाएं ताकि देश में चीन लॉक डाउन से कच्चे माल की सप्लाई का कोई विकलप मिल सके। उन्होंने कहा कि पहली कोविड लहर के दौरान चीन से आने वाले कच्चे माल की भरी दिक्कत हुयी थी परन्तु आज के समय में कच्चे माल जिसमें दवाओं में प्रयुक्त होने वाला पैरा ( एपीआई ) एल्युमीनियम फॉयल, गत्ता व प्लास्टिक पीवीसी शामिल हैं के रेट बढ़ने से बचा जा सके. उन्होंने कहा कि देश का फार्मा उद्योग आज भी चीन पर निर्भर है. उन्होंने केंद्रीय सरकार को अपील की कि वह फार्मा उद्योग को राहत देने हेतु उद्योग पर लगने वाली जीएसटी की दर को 12 प्रतिशत करे ताकि माल खरीदने और बेचने के दौरान आने वाले फर्क को समाप्त किया जा सके।