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शिमला, 2 मार्च। मंडी के पड्डल मैदान में अंतर्राष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव के अवसर पर परिवहन विभाग द्वारा इलैक्ट्रिक वाहनों की प्रदर्शनी आयोजित की जाएगी। परिवहन मंत्री बिक्रम सिंह ठाकुर ने बताया कि प्रदेश सरकार राज्य में इलैक्ट्रिक वाहनों को प्रोत्साहन प्रदान करने के लिए बहुआयामी प्रयास कर रही है। इस दिशा में हिमाचल प्रदेश सरकार ने प्रदेश की इलैक्ट्रिक वाहन पॉलिसी की घोषणा की है। इस पॉलिसी का मुख्य उद्देश्य हिमाचल प्रदेश को विद्युत गतिशीलता और इलैक्ट्रिक वाहनों के निर्माण में वैश्विक केंद्र बनाना है तथा विद्युत चलित वाहनों के लिए सार्वजनिक एवं निजी चार्जिंग की आधारभूत सरंचना को तैयार करना है।
ठाकुर ने बताया कि 2 मार्च से मंडी के पड्डल मैदान में अंतर्राष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव के अवसर पर परिवहन विभाग द्वारा इलैक्ट्रिक वाहनों की प्रदर्शनी आयोजित की जाएगी जिसमें लोगों को इलैक्ट्रिक वाहनों के फायदों के बारे में जागरूक किया जाएगा। उन्होंने लोगों से इस प्रदर्शनी में बढ़-चढ़ कर भाग लेने का आग्रह किया।
बिक्रम सिंह ठाकुर ने कहा कि हिमाचल प्रदेश को इलैक्ट्रिक वाहन का हब बनाया जाएगा। प्रदेश सरकार ने राज्य में वर्ष 2025 तक 15 फीसदी वाहनों को इलैक्ट्रिक वाहनों से बदलने का लक्ष्य निर्धारित किया है। विभाग द्वारा प्रदर्शनी में लोगों को जानकारी उपलब्ध करवाने के लिए मोटर वाहन निरीक्षक तैनात किए जाएंगे। इस प्रदर्शनी में इलैक्ट्रिक वाहनों के विभिन्न मॉडल प्रदर्शित किए जाएंगे।
उन्होंने कहा कि इलैक्ट्रिक वाहन पूरी तरह से सुरक्षित हैं और ये वाहन सभी प्रकार की टैस्टिंग प्रक्रिया से गुजरते हैं। इलैक्ट्रिक वाहनों के उपयोग से पर्यावरण संरक्षण को भी विशेष बल मिलता है क्योंकि इनके प्रयोग से किसी भी प्रकार का प्रदूषण नहीं होता। उन्होंने कहा कि इलैक्ट्रिक वाहनों का रखरखाव खर्च कम होता है और पैट्रोल और डीजल वाहनों की अपेक्षा इलैक्ट्रिक वाहनों में प्रति किलोमीटर खर्च कम होता है।
उन्होंने कहा कि छोटे इलैक्ट्रिक वाहनों की बैटरी को घर पर ही बिजली के सॉकेट से जोड़कर चार्ज किया जा सकता है और यह पैट्रोल, डीजल और गैसोलिन की तुलना में काफी सस्ती पड़ती है। इलैक्ट्रिक वाहनों में प्रयुक्त होने वाली बैटरी कई वर्षों तक चलती है और इन वाहनों द्वारा ध्वनि प्रदूषण न के बराबर होता है।