आवाज़ ए हिमाचल
शिमला, 24 फरवरी। स्पेशल पोक्सो फास्ट ट्रैक कोर्ट के हिमाचल प्रदेश के सोलन अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश परविंद्र सिंह अरोड़ा की अदालत ने नाबालिग के साथ दुष्कर्म करने के दोषी को 15 वर्ष की सजा सुनाई है। दोषी को 25 हजार का जुर्माना भी किया गया है। जुर्माना अदा न करने की सूरत में दोषी को छह माह की अतिरिक्त सामान्य कैद भुगतनी होगी।
जानकारी के अनुसार व्यवसाय से पूजा-पाठ का काम करने वाले सेवक राम उर्फ संजीव शर्मा ने अभिमंत्रित चावल देने के बहाने एक 15 वर्षीय नाबालिग से दुष्कर्म की वारदात को अंजाम दिया था। इस पर अदालत ने उसे आईपीसी 376 और पोक्सो एक्ट की धारा-4 के तहत यह सजा सुनाई है।
जानकारी के मुताबिक महिला पुलिस थाना सोलन के तहत दर्ज मामले में 13 जुलाई 2019 को नाबालिग की मां ने अपनी बेटी और उसके छोटे भाई को उक्त व्यक्ति के पास मंत्र वाले चावल लेने के लिए भेजा। इस दौरान मामले में दोषी सेवक राम ने पीड़ित के भाई को लवीघाट से बीस रुपये की इलायची लेने के लिए भेज दिया और नाबालिग को पूजा कक्ष के अंदर बुलाकर उसके साथ जबरन दुष्कर्म किया।
अदालत को दिए बयान में पीड़ित ने बताया कि आरोपी ने उससे कहा कि अगर वह अपने मंगेतर से शादी करना चाहती है तो उसे उसके साथ सात बार यह कार्य करना होगा। इस तरह आरोपी ने कर्मकांड की आड़ लेकर नाबालिग के साथ यह कृत्य किया।
अदालत ने नाबालिग को सरकारी खाते से नौ लाख रुपये की राहत राशि देने के भी आदेश दिए हैं। इसमें से 80 प्रतिशत राशि एफडीआर के रूप में जमा करवाई जाएगी जबकि 20 फीसदी राशि राहत के रूप में देने के आदेश दिए गए हैं।