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रांची, 21 फरवरी। डोरंडा कोषागार से अवैध निकासी मामले में दोषी ठहराए गए बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव को सीबीआइ की विशेष अदालत ने सोमवार को दोपहर के समय 5 साल की सजा सुनते हुए 60 लाख रुपए जुर्माना भी ठोका है। लालू यादव के अलावा चारा घोटाला के इस बड़े मामले में 37 अन्य दोषियों को भी सजा सुनाई गई है।
सीबीआई की विशेष अदालत ने लालू प्रसाद यादव को आईपीसी की धारा 409, 420, 467, 468, 471 के साथ षड्यंत्र से जुड़ी धारा 120बी एवं भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 13(2)के तहत दोषी करार दिया है।
जेल प्रबंधन ने होटवार जेल में भी पुख्ता प्रबंध कर रखा था। वहां वीडियो कांफ्रेंसिंंग रूम में बारी-बारी सभी दोषी पेश किए गए। सीबीआई अदालत ने उन्हें सजा सुनाई। वहीं लालू यादव ने रांची रिम्स के पेइंग वार्ड में सजा सुनी। मालूम हो कि 15 फरवरी को सीबीआइ अदालत ने इन सभी को चारा घोटला मामले में दोषी ठहराया था। 15 फरवरी को अदालत ने 35 अभियुक्तों को तीन-तीन साल की सजा सुनाई थी। वहीं, 24 अभियुक्तों को कोर्ट ने बरी कर दिया था। शेष दोषियों को आज सजा सुनाई गई। जिनमें लालू यादव को 5 साल की सजा 60 लाख जुर्माना, मोहम्मद सईद को पांच साल सजा एक करोड़ पचास लाख जुर्माना, जगमोहन लाल को चार साल सजा एक करोड़ जुर्माना, आरके राणा को पांच साल की सजा और त्रिपुरारी मोहन प्रसाद को पांच साल की सजा और 2 करोड़ रुपए जुर्माना लगाया गया है।
डोरंडा ट्रेजरी केस बहुचर्चित चारा घोटाले में से एक मामला है। 1990-92 के बीच चाईबासा ट्रेजरी से अफसरों और नेताओं ने मिलकर फर्जीवाड़ा करते हुए 67 फर्जी आवंटन पत्र के आधार पर 33.67 करोड़ रुपए की अवैध निकासी की गई थी। इस मामले में 1996 में केस दर्ज हुआ था।
इस केस में 10 महिलाएं भी आरोपी है। मामले में चार राजनीतिज्ञ, दो वरीय अधिकारी, चार अधिकारी, लेखा कार्यालय के छह, 31 पशुपालन पदाधिकारी स्तर के और 53 आपूर्तिकर्ता आरोपी बनाए गए हैं। अब मामले में लालू यादव समेत 99 आरोपी हैं जिन्हें अदालत दोषी करार दे चूकी है।