आवाज़ ए हिमाचल
शिमला, 19 फरवरी। कोरोना के चलते पिछले 2 सत्रों से यूजी प्रथम और द्वितीय वर्ष के विद्यार्थी बिना परीक्षा ही प्रमोट हो गए हैं। इनमें बहुत से विद्यार्थी ऐसे हैं, जिन्होंने समय पर प्रथम और द्वितीय वर्ष के परीक्षा फार्म ही नहीं भरे हैं। अब ये विद्यार्थी मार्च में अगली कक्षा की परीक्षाएं देंगे। उन्हें पिछली कक्षाओं का रिजल्ट लेने के लिए परीक्षा फार्म भरने के साथ 20 हजार रुपये लेट फीस देनी पड़ेगी। हालांकि, प्रदेश विवि ने इन्हें परीक्षा फार्म भरने के लिए 11 महीने का समय था। बावजूद इसके इन्होंने पिछली कक्षाओं के परीक्षा फार्म समय पर नहीं भरे। इस कारण इनका रिजल्ट रुका है। यह सुविधा केवल उन्हीं विद्यार्थियों को मिलेगी, जो कॉलेजों से पात्र होने के बारे में लिखवाकर लाएंगे।
उधर, प्रदेश विवि के ऑर्डिनेंस और ईसी के निर्णय के अनुसार कुलपति के पास अधिकृत शक्तियों के तहत विद्यार्थियों को राहत देने के लिए लेट फीस का प्रावधान किया गया है। यदि विद्यार्थी परीक्षा 20 हजार रुपये फीस नहीं देना चाहते हैं तो वे लेट फीस के साथ पिछली कक्षा में ही परीक्षा देंगे। विद्यार्थियों के पास एक और विकल्प रहेगा। इसमें वे 400 रुपये लेट फीस के साथ पिछली परीक्षा फार्म भर कर परीक्षा दे सकते हैं। यूजी डिग्री कोर्स के बहुत से ऐसे विद्यार्थी हैं, जिन्होंने तय समय में ऑनलाइन परीक्षा फॉर्म नहीं भरे हैं। अब इनका प्रथम और द्वितीय वर्ष का परिणाम लटक गया है।
दो वर्षों से प्रमोट हो रहे यूजी प्रथम, द्वितीय वर्ष के विद्यार्थी कोरोना के कारण दो सत्रों से यूजी प्रथम और द्वितीय वर्ष की वार्षिक परीक्षाएं नहीं हो रही हैं। दोनों कक्षाओं का परिणाम आंतरिक मूल्यांकन टर्म टेस्ट आदि के तय फार्मूले के तहत तैयार कर छात्रों को प्रमोट किया जाता रहा है।
एचपीयू के परीक्षा नियंत्रक डॉ. जेएस नेगी ने कहा कि प्रमोट होने वाले यूजी के विद्यार्थियों को 11 माह का समय परीक्षा फार्म भरने के लिए दिया था। बावजूद इसके जिन्होंने फार्म नहीं भरे हैं, उन्हें 20 हजार रुपये लेट फीस देनी होगी। तभी उनके पिछले रिजल्ट घोषित होंगे। ऐसे विद्यार्थियों के पास पिछली कक्षा की परीक्षा में फिर कम फीस देकर अपीयर होने का विकल्प भी है।