शहीद अंकेश की पार्थिव देह पंचतत्व में विलीन,पिता ने कोट,पेंट,टाई व पगड़ी पहन दूल्हे की तरह दी बेटे विदाई

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आवाज ए हिमाचल

विनोद चड्ढा, घुमारवीं

13 फरवरी।अरुणाचल प्रदेश हिमस्खलन में शहीद हुए बिलासपुर जिले के सेऊ गांव के 22 वर्षीय 19 जैक राइफलमैन अंकेश भारद्वाज की पार्थिव देह का रविवार को पूरे सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार कर दिया गया।अंकेश भारद्वाज की पार्थिव देह 6 दिन बाद उनके घर पहुंची।शहीद का स्वागत उनके पिता बांचा राम, केबिनेट मंत्री राजेंद्र गर्ग के साथ-साथ सैकड़ों क्षेत्रवासियों ने नम आंखों से किया।

बांचा राम इस दौरान कोट, पेंट, टाई और सिर पर टोपी लगाए हुए थे।शहीद की पार्थिव देह गांव पहुंचते ही पूरा क्षेत्र गमगीन हो गया,हर किसी की आंख नम हो गई।शहीद के पिता ने दूल्हे की तरह अपने बेटे हो अंतिम विदाई दी।पूरे घर व क्षेत्र को लड़ियों व गुबारों से सजाया गया था।पिता खुद कोट पेंट टाई व सिर पर दूल्हे की पिता वाली पगड़ी पहनी थी।


पार्थिव शरीर आते ही वहां शहीद अंकेश भारद्वाज अमर रहे के नारे लगने लगे। शहीद अंकेश के सम्मान में 300 फिट तिरंगा यात्रा दधोल से शुरू की गई है। इसके अलावा युवाओं ने बाइक रैली निकालकर शहीद को श्रद्धांजलि दी।
बिलासपुर जिला में प्रवेश करते ही शहीद की वीर देह के सम्मान में सैंकड़ों लोगों ने उन्हें नमन किया। युवाओं समेत महिलाओं और बुजुर्गों ने पुष्प वर्षा से शहीद का स्वागत किया। खाद्य आपूर्ति मंत्री राजेंद्र गर्ग,पूर्व सीपीएस राजेश धर्माणी, राकेश चोपड़ा,एसडीएम राजीव ठाकुर, डीएसपी अनिल सहित अन्य अधिकारी भी नम आंखों के साथ मौजूद हैं।

शहीद की पार्थिव देह को सेना की टुकड़ी ने हवा में फायर कर सलामी दी।इस दौरान शहीद की मां भी बेटे को अंतिम विदाई देने श्मशानघाट पहुंची।मां व पिता ने सजधज कर अपने सपूत को दूल्हे की तरह विदा किया।श्मशानघाट पर पिता ने सेल्यूट कर एक वीर सैनिक की तरह अपने लाल को विदा किया,लेकिन मां खुद को नही रोक पाई तथा बेटे की फ़ोटो को सीने से लगाकर फूट फूट कर रोई।इस दौरान हज़ारों लोगों ने शहीद को अंतिम विदाई दी।

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