एसीसी गागल वर्कर्स यूनियन के कर्मचारियों ने राष्ट्रपति व प्रधानमंत्री को भेजा ज्ञापन

Spread the love

आवाज़ ए हिमाचल 

अभिषेक मिश्रा, बिलासपुर

11 फरवरी । बरमाना एसीसी गागल वर्कर्स यूनियन के पैकिंग लोडिंग का कार्य कर रहे लगभग 200मजदूरों ने हस्ताक्षर कर शुक्रवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद एवम प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और माननीय सर्वोच्च न्यालय को ज्ञापन भेजा। ज्ञापन में कारखाने में पैकिंग एवम लोडिंग का कार्य कर रहे ठेकेदार मजदूर राकेश कुमार, इंद्र कुमार, कुलदीप कुमार, शशि पाल, रूप लाल, रोशन लाल, प्रेमसिंह, बृज लाल, भूरीसिंह, राकेश कुमार और अन्य ने कारखाने के अंदर लोडिंग और पैकिंग में कार्य कर रहे मजदूरों का सीमेंट प्रदूषण से लगने वाली जानलेवा और गंभीर बीमारियों से बिगड़ते हुए स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए समस्त श्रमिको का सिलोकोसिस मेडिकल जांच करवाने हेतु कम्पनी को निर्देश देने की मांग की है।

ठेकदार मजदूरों का कहना है कि कारखाने के अंदर रोजाना पैकिंग और लोडिंग का कार्य कर रहे मजदूर प्रदूषण का शिकार हो रहे है परंतु कम्पनी प्रबंधन मजदूरों के स्वास्थ्य की और गंभीर ना होकर उनके शोषण में लगी है। उनका कहना है कि प्रदूषण से तंग आकर मजदूरों ने कुछ समय पूर्व कंपनी की मनमानी के खिलाफ आंदोलन भी किया था ।जिसमे ठेकेदार मजदूरों द्वारा तत्कालीन जिलाधीश को सौंपे गए ज्ञापन को लेकर जिलाधीश ने 23अगस्त 2021को एक अहम, बैठक कर एसीसी कम्पनी प्रबंधन,प्रदूषण नियंत्रण विभागीय अधिकारी और कारखाने के अंदर कम्पनी प्रबंधन द्वारा यूनियन बनाए गए दो यूनियन के चाटुकार पदाधिकारियों को शामिल किया गया था। जिन्होंने जिलाधीश के समक्ष कारखाने के अंदर किसी भी तरह के प्रदूषण के ना होने की बात की थी। परंतु जिलाधीश बिलासपुर ने फिर भी मीटिंग में उपस्थित प्रदूषण नियंत्रण विभाग के अधिकारियों को 15दिन के अंदर कारखाने के अंदर जांच कर रिपोर्ट मांगी थी ।

उनका कहना है कि बैठक हुए लगभग 6 महीने बीत चुके है और अभी तक कोई भी जांच या कार्यवाही कारखाने के अंदर बड़ रहे प्रदूषण को लेकर कंपनी के खिलाफ नहीं हुई है। कारखाने के अंदर प्रदूषण की रोकथाम के लिए लगाए गए यंत्र भी नियमित जांच ना होने के कारण बंद रहते है और यदि कोई भी प्रदूषण नियंत्रण विभागीय टीम या जिला प्रशासन कारखाने के अंदर निरीक्षण पर आते है तो कंपनी प्रबंधन आनन फानन में कारखाने के अंदर और बाहर पानी का सप्रे कर धूल प्रदूषण को छुपाने में जुट जाता है। जबकि कारखाने के अंदर पैकिंग एवम लोडिंग प्लांट में कार्य कर रहे ठेका मजदूर इस बख्त सीमेंट प्रदूषण के कारण गंभीर बीमारियों की चपेट में है।

उनका कहना है कि ठेका मजदूरों ने कई बार इस गंभीर समस्या को लेकर श्रम विभाग एवम प्रदूषण कंट्रोल विभाग को भी पत्राचार द्वारा और मीटिंग कर भी सूचित किया परंतु आज तक कोई भी उचित प्रणाम सामने नहीं आया है जिस वजह से एसीसी ठेका मजदूरों को केंद्र सरकार एवम माननीय सर्वोच्च न्यालय को ज्ञापन देकर लाभग 200 ठेका मजदूरों की जिंदगी को ध्यान में रखते हुए प्रदूषण विभाग के तरस्थ विशेष दस्ते से सीमेंट उद्योग का औचक निरीक्षण करने और उच्च सत्तर के सिलकोसिस विशेषज्ञ चिकित्सकों से समस्त श्रमिको का सिलोकोसिस जांच करवाकर निशुल्क उपचार करवाने के आदेश दिए जाए।


उन्होंने ज्ञापन में यह भी मांग की है कि कारखाने के अंदर मजदूर यूनियन के चुनाव करवाए जाए ताकि कम्पनी प्रबंधन द्वारा बनाए गए यूनियन के पदाधिकारीयों के चलते मजदूरों का भारी शोषण को रोका जा सके ।क्योंकि उक्त यूनियन पदाधिकारियों का कार्यकाल कुछ वर्ष पूर्व पूरा हो चुका है परंतु संविधान के नियमो का उलंघन कर उक्त पदाधिकारी चुनाव न करवाकर कम्पनी प्रबंधन की शय में आज तक सत्तासीन हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *