आवाज ए हिमाचल
लखनऊ, 11फरवरी। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के पहले चरण में 11 जिलों की 58 सीटों पर बृहस्पतिवार को 60 फीसदी मतदान हुआ। इस चरण में सबसे अधिक वोट कैराना में 75.12 फीसदी और सबसे कम 45 प्रतिशत वोट साहिबाबाद में पड़े। चुनाव आयोग का कहना है कि कई जगहों से ईवीएम में तकनीकी दिक्कतें आईं, लेकिन मतदान शांतिपूर्ण रहा।
आयोग के एक अधिकारी ने बताया कि इन जिलों में औसतन 60.17 फीसदी मतदान हुआ। अतिरिक्त मुख्य चुनाव अधिकारी बीडी राम तिवारी ने बताया कि कुछ जगहों से ईवीएम में तकनीकी दिक्कत की रिपोर्ट मिली। इस पर ईवीएम को बदलकर मतदान कराया गया। कैराना विधानसभा सीट पर दुंदुखेड़ा गांव में गरीब मतदाताओं को मतदान करने से रोके जाने के सपा के आरोपों पर उन्होंने कहा कि जिला मजिस्ट्रेट के संज्ञान में यह मामला लाया गया है। सुरक्षा व्यवस्था के लिए केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों की 800 कंपनियों के अलावा एक लाख पुलिसकर्मी-होमगार्डों की तैनाती की गई थी।
पहले चरण में पश्चिमी उत्तर प्रदेश के जाट बहुल क्षेत्र में वोट डाले गए। यहां के किसानों ने केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली में हुए प्रदर्शन में हिस्सा लिया था। ऐसे में इस चरण को भाजपा के साथ ही रालोद-सपा गठबंधन के लिए अग्निपरीक्षा माना जा रहा है।
पहले चरण की 58 सीटों पर 623 उम्मीदवार हैं। इसमें से 73 महिलाएं अपना भाग्य आजमा रही हैं। वर्ष 2017 के चुनाव में भाजपा ने पहले चरण की 58 सीटों में से 53 पर जीत हासिल की थी, जबकि सपा और बसपा को दो-दो सीटें मिली थी। राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) का भी एक उम्मीदवार विजयी हुआ।
161 ईवीएम में आई खराबी
चुनाव के दौरान बड़ी संख्या में ईवीएम खराब होने की शिकायतें आयोग को मिली, जिसकी वजह से मतदान भी प्रभावित हुआ। शामली और बुलंदशहर में सबसे अधिक श्कियतें आईं। 161 बूथों पर खराबी के बाद आयोग को मशीनें बदलनी पड़ी। इसमें बैलेट यूनिट व कंट्रोल यूनिट दोनों बदलनी पड़ी। इसके अलावा 374 स्थानों पर वीवीपैट की शिकायत मिली, जिसके बाद वीवीपैट भी बदला गया।