सरकार ने मानी ठेकेदारों की मांगें,डब्ल्यूएक्स फार्म को लेकर लगाई सख्ती के नियमों में संशोधन को मंजूरी

Spread the love

आवाज़ ए हिमाचल

09 फरवरी।हिमाचल प्रदेश कैबिनेट ने हड़ताल पर चल रहे ठेकेदारों की मांगें मान ली हैं। बुधवार को राज्य सचिवालय में हुई कैबिनेट बैठक में फैसला लिया गया कि ठेकेदारों को उनका बकाया भुगतान कर दिया जाएगा और आगे भी किसी भी काम का पैसा नहीं रोका जाएगा। कैबिनेट के फैसले के बाद हिमाचल ठेकेदार एसोसिएशन ने हड़ताल वापस ले ली है।

कैबिनेट ने यह भी फैसला लिया है कि ठेकेदारों के जीएसटी भुगतान की प्रतिपूर्ति का मामला भी केंद्र सरकार के समक्ष उठाया जाएगा। प्रदेश गौण खनिज रियायत और खनिज के अवैध खनन, उसके परिवहन एवं भंडारण के निवारण नियम 2015 में संशोधन को भी कैबिनेट ने मंजूरी दी। यानी डब्ल्यूएक्स फार्म को लेकर लगाई सख्ती के नियमों में संशोधन की मंजूरी दी गई है।

इससे विशेष तौर पर ग्रामीण क्षेत्रों में निर्माण कार्यों के लिए सड़कों, दीवारों के लिए पत्थर और रेत जैसे खनिज पदार्थों की आसानी से उपलब्धता हो सकेगी।
ठेकेदारों की हड़ताल से चरमराई व्यवस्था को देखते हुए बुधवार सुबह 10 बजे बुलाई गई इस आपात बैठक की अध्यक्षता मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने की।

इसमें निर्णय हुआ है कि सरकारी विभागों और एजेंसियों से संबंधित सड़कों के निर्माण के दौरान गौण खनिज पदार्थों के उसी कार्य के लिए उपयोग की अनुमति खनन अधिकारी दे सकेंगे। सड़कों के निर्माण सहित सुरक्षा दीवार, डंगों की सोलिंग आदि के कार्य भी इसमें शामिल होंगे, जिसमें एक समय में 10 हजार मीट्रिक टन प्रतिमाह और अधिकतम 20 हजार मीट्रिक टन प्रति कार्य के उपयोग की ही अनुमति होगी।

इसके लिए कार्य करवाने वाले प्रभारी सहायक अभियंता के पद से कम नहीं होंगे। इनकी रिपोर्ट को ही आधार माना जाएगा। कैबिनेट ने इसमें एक नियम शामिल करने का भी निर्णय लिया, जिसमें यह प्रावधान किया गया है कि यदि कोई व्यक्ति खनन लीज होल्डर नहीं है और उसने नियमों का उल्लंघन नहीं किया है, लेकिन ट्रांजिट फार्म (डब्ल्यूएक्स) उपलब्ध नहीं करवा सका है, ऐसी स्थिति में प्रचलित दरों पर रॉयल्टी और इसमें 25 फीसदी जुर्माने का भुगतान करना होगा। ऐसी स्थिति में ठेकेदारों को काम का भुगतान हो जाएगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *