आवाज़ ए हिमाचल
अभिषेक मिश्रा, बिलासपुर
9 फरवरी। हिमाचल प्रदेश कनिष्ठ अभियंता संघ ने प्रदेश सरकार को वेतन विसंगति के मामले में घेरा हैं। प्रैस को जारी बयान में हिमाचल प्रदेश कनिष्ठ अभियंता संघ के प्रदेशाध्यक्ष इंजीनियर राजीव कुमार शर्मा, प्रदेश महासचिव विजय धीमान तथा मुख्य सलाहकार सीताराम ठाकुर ने आरोप लगाते हुए मांग की है कि जिस प्रकार सरकार द्वारा कनिष्ठ अभियंताओं को वर्ष 2012 से पहले करियर प्रगति योजना के तहत 8-16-24 के तहत लाभ मिलता था, बाद में सरकार ने 2 साल के अंतराल के बाद करियर प्रगति योजना के तहत ग्रेड-पे बैंड 10,300-34,800 ग्रेड-पे 48 सौ दी जाती थी और दस साल बाद पे-बैंड 15,600-39,100 ग्रेड-पे 54 सौ, व बीस साल बाद ग्रेड-पे 66सौ अक्तूबर 2012 से दी जा रही थी, इस स्थिति को यथावत रखा जाए।
उन्होंने कहा कि अब सरकार ने 3 जनवरी 2022 को भी एक अधिसूचना जारी की है कि जिसके तहत अधिकारियों और कर्मचारियों को इस सुविधा का लाभ मिल रहा था, वह 2 जनवरी 2022 तक लागू रहेग, लेकिन चिंता का विषय यह है कि कनिष्ठ अभियंताओं को केवल मात्र 38 सौ रुपए के ग्रेड पे पर फिक्स किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि बीस साल से सरकार में सेवा देने के बावजूद 38 सौ रुपए ग्रेड-पे पर विराम लगा देना न्यायोचित नहीं है।
राजीव कुमार ने कहा कि कनिष्ठ अभियंताओं के भविष्य का निर्धारण करने वाले सलाहकारों को चाहिए कि वे सरकार की कैरियर प्रगति योजना में बाधक न बनें और इस योजना का लाभ जो तकनीकी हिसाब से मिल रहा था, मिलता रहे। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के निर्णयों से अभियंताओं के न सिर्फ भविष्य पर असर पड़ेगा, बल्कि उनका मनोबल भी टूटेगा।
उन्होंने कहा कि एक कनिष्ठ अभियंता पद पर 2 दशकों से ज्यादा समय तक सेवा करने पर उनके ग्रेड-पे में बढ़ोतरी होना स्वाभाविक है, लेकिन चिंता का विषय है कि नई अधिसूचना के अनुसार इस बढ़ोतरी पर कैंची चलाकर दोबारा 38 सौ करने की कवायद पर जोर दिया जा रहा है, जोकि कनिष्ठ अभियंताओं को कतई बर्दाश्त नहीं है।
उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में मंहगाई चरम पर है तथा पारिवारिक खर्चे निरंतर बढ़ रहे हैं, लेकिन सरकार के सलाहकार उल्टी गंगा बहाने के लिए निरंतर प्रयासरत हैं। राजीव कुमार ने मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर से मांग की है कि करियर प्रगति योजना से खिलवाड़ न करते हुए इस योजना को आगे भी निरंतर जारी रखा जाए।