आवाज़ ए हिमाचल
शांति गौतम, बीबीएन
6 फरवरी। आजादी के बाद सिर्फ आश्वासन के भरोसे ही जी रहे बद्दी की मलपुर पंचायत के चुनरी गांव के ग्रामीण सरसा नदी पर पुल न होने के चलते परेशानी का सामना कर रहे हैं। हर साल बरसात के दिनों में गांव वालों का शहर से लिंक टूट जाता है। बरसात के दिनों में सरसा नदी को रोजाना किसान, मजदूर, महिलाएं व स्कूल के बच्चे जान हथेली पर रखकर पार करते हैं।
ग्रामीणों में गीता देवी गुरचरण सिंह व सतनाम सिंह का कहना है कि चुनाव आते ही नेताओं को गांव की याद आने लगती है। चुनाव जीतने के बाद नेता ग्रामीणों व उनकी समस्याओं को भूल जाते हैं। उनका कहना है कि इस बार के पंचायत चुनावों में भी गांव के लोगों द्वारा चुनावों का बहिष्कार किया गया था मगर नेताओं और प्रत्याशियों के बार-बार आग्रह और आश्वासन के बाद लोगों ने चुनावों में भाग लिया पर चुनाव जीतने के बाद प्रधान द्वारा सिर्फ 80 हजार रुपए की राशि अस्थाई पुल के लिए दी गई जिसके बाद प्रधान द्वारा एक बार भी इसकी सुध नहीं ली गई।
ग्रामीणों का कहना है कि आने वाले विधानसभा चुनावों से पहले अगर उनके गांव का पुल तैयार नहीं हुआ तो वह चुनावों का पूर्णता बहिष्कार करेंगे और किसी भी पार्टी के नुमाइंदे को गांव में वोट मांगने की इजाजत नहीं देंगे।
इस मौके पर गुरचरण सिंह, सतनाम सिंह, दीपक, विद्या देवी, तृप्ता देवी, शंकरो, रानी देवी, निर्मला और कृष्णा देवी सहित अन्य ग्रामीण मौजूद थे।