आवाज़ ए हिमाचल
शिमला, 7 फरवरी। हिमाचल प्रदेश में डब्ल्यू फार्म और जीएसटी की राशि का भुगतान न होने से ठेकेदार हड़ताल पर चले गए हैं, जिसके चलते प्रदेश में विकास कार्य ठप हो गए हैं। ठेकेदार टेंडर में भाग नहीं लेंगे। जो भी कार्य चल रहे हैं, उन सभी को बंद करने का फैसला लिया है। ठेकेदारों ने प्रदेश भर में सुबह लोक निर्माण विभाग के मंडल कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किए। साथ ही उपायुक्तों को ज्ञापन सौंपे गए।
कुल्लू में ठेकेदारों ने डीसी कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया, वहीं हमीरपुर में लोक निर्माण विभाग के ठेकेदारों ने काम बंद कर एडीएम के माध्यम से सरकार को ज्ञापन भेजा। हिमाचल ठेकेदार एसोसिएशन का आरोप है कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से वार्तालाप के बाद भी मामला नहीं सुलझाया गया है।
ठेकेदार की सभी यूनियनें इस मामले को लेकर एक हो गई हैं। ठेकेदार वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष भूपिंद्र नरवाल समेत नगर निगम ठेकेदार यूनियन के अध्यक्ष पीएन शर्मा ने भी हड़ताल का समर्थन किया है।
ठेकेदार सरकार से माइनिंग के नियमों में संशोधन कर सरलीकरण की मांग कर रहे हैं। क्रशर में डब्ल्यूफॉर्म देने की सीमा तय की गई है। ऐसे में ठेकेदारों को यह फॉर्म नहीं मिल रहे हैं। इससे लोक निर्माण और अन्य विभागों के पास करोड़ों की राशि फंस गई है।
ठेकेदार सरकारी भवनों के अलावा डंगों के काम कर चुके हैं। अब पैसे की बात आई तो ठेकेदारों से डब्ल्यू फॉर्म मांगे जा रहे हैं। ठेकेदार एक जुलाई 2017 से पहले के कार्यों पर पूरा रिफंड मांग रहे हैं, लेकिन अभी तक यह पैसा नहीं दिया गया है।