आवाज़-ए-हिमाचल
सन्नी मैहरा,ब्यूरो हमीरपुर
3 दिसम्बर : युवा कांग्रेस ब्लॉक अध्यक्ष अश्विनी कुमार व हमीरपुर जिला महासचिव अमित शर्मा ने आज संयुक्त वक्तव्य जारी करते हुए भाजपा सरकार पर तंज कसा है और कहा कि मुख्यमंत्री का क्या यही उद्देश्य था कि हिमाचल को क्वारंटीन सेंटर बनाया जाए,तो लगता है कि वे उसमें वह काफी हद तक सफल होते जा रहे हैं,क्योंकि पिछले एक महीने के अंदर हिमाचल प्रदेश के 7 जिलों ने डेढ़ सौ प्रतिशत कोरोना मरीजों की वृद्धि करते हुए पूरे देश के अंदर पहले सात स्थानों पर कब्जा कर लिया है। अश्विनी कुमार ने आगे कहा कि हमीरपुर जिला की हालत इतनी दयनीय हो गई है कि 3-4 दिनों तक आरटी पीसीआर टेस्ट की रिपोर्ट नहीं आ रही है ।
अभी हाल में ही देखने को मिला है कि रविवार ,सोमवार ,मंगलवार और बुधवार को जो टेस्ट लिए गए थे उनकी रिपोर्ट चौथे पांचवें दिन आ रही है और उनमें इतने सारे लोग पॉसिटिव आ रहे हैं, जो कि तीन-चार दिन खुला घूम रहे हैं जिससे संक्रमण का खतरा बढ़ता जा रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार पहले यह बताएं कि उन्होंने कोरोना महामारी से लड़ने के लिए प्रत्येक जिला में कितनी तैयारी करी है क्योंकि जहां तक देखने में आ रहा है उसके अनुसार मरीजों को गंभीर स्थिति में आईजीएमसी शिमला या मंडी नेरचौक रेफर किया जा रहा है और रास्ते में उनको मृत्यु का ग्रास बनना पड़ रहा है ।अगर सरकार की इतनी ही तैयारियां हैं तो फिर मरीजों को रेफर क्यों किया जा रहा है?क्या विशेषज्ञ चिकित्सक सभी जिलों में तैनात नहीं है ? क्या हमारे पास ऑक्सीजन और वेंटीलेटर्स की सुविधा इन जिलों में
नहीं है? अगर नहीं है तो सरकार को शर्म आनी चाहिए कि करोना को इस संसार में फैले हुए 12 महीने हो चुके हैं और हम तैयारियों के नाम पर हिमाचल की भोली भाली जनता को गुमराह कर रहे हैं उनकी आंखों में धूल झोंक रहे हैं।कांग्रेस पार्टी इसको कतई बर्दाश्त नहीं करेगी, क्योंकि हमारे लिए हिमाचलीयों की जिंदगी से बढ़ कर कुछ नहीं है। एक तरफ तो सरकार कहती है कि हम कोरोना से लड़ने के लिए पूरी तरह तैयार हैं, दूसरी तरफ रोजाना मामले बढ़ रहे है।मृत्यु दर में बढ़ोतरी हो रही है।क्या सरकार यह स्पष्ट करेगी कि किस जिला में कितने बिस्तरों का प्रबंध गंभीर कोरोना मरीजों के लिए 24 घंटे ऑक्सीजन सुविधा और वेंटीलेटर के
साथ किया गया है? डीडीयू शिमला को 100 से ज्यादा बेड वाला “कोरोना हॉस्पिटल” घोषित कर दिया लेकिन वहां ऑक्सीजन प्लांट 14 सिलेंडर वाला लगा है? वेंटिलेटर आप वहां पर 30 दे रहे हैं ? तो यह कैसा अनुपात है और उसके बाद भी डीडीयू से मरीजों को फिर आईजीएमसी रेफर करना पड़ रहा है ऐसा क्यों?और जब अनहोनी होती है तो सारा ठीकरा आप स्वास्थ्य कर्मचारियों पर डाल दे रहे हैं। उनको मूलभूत सुविधाएं देना किसकी जिम्मेदारी है ?क्या सरकार स्पष्ट करेगी? उन्होंने आगे कहा कि सरकार का यही अगर ढुलमुल रवैया रहा तो युवा कांग्रेस इसके विरोध में धरना प्रदर्शन करेगी।