सिद्धू ने माता वैष्णो देवी के दरबार में टेका माथा
आवाज़ ए हिमाचल
ज्वालामुखी, 4 फरवरी। रविवार को कांग्रेस पंजाब में मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित करे, उससे पहले इस पद के दो बड़े दावेदारों मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने गुप्त नवरात्र में देवी दरबारों का रूख किया।
एक तरफ जहां नवजोत सिद्धू ने बुधवार को माता वैष्णो देवी के दरबार में माथा टेका तो वहीँ वीरवार को मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने भी हिमाचल प्रदेश के बगलामुखी माता मंदिर में देर रात तक पूजा पाठ व हवन यज्ञ किया।
मुख्यमंत्री चन्नी का पिछले दो महीनों के भीतर माता बगलामुखी के मंदिर में लगातार तीसरा हवन है। इससे पहले पिछले साल के आखिरी महीने दिसंबर की चार तारीख को चन्नी ने अपने परिवार समेत बगलामुखी में देर रात तक हवन किया था। इसके ठीक 26 दिन बाद वह एक बार फिर बगलामुखी माता के दरबार 30 दिसंबर को आए।
इस दौरान चन्नी ने मीडिया से भी दूरी बनाए रखी और कहा कि ये उनका निजी दौरा है और वे यहां परिवार संग आए हैं। हालांकि एक महीने में लगातार दो हवन के बाद चन्नी के पुत्र भी बीच में एक बार हवन करवाकर गए हैं, लेकिन इस बार गुप्त नवरात्र में चन्नी स्वयं आए।
पंजाब में चुनाव व सीएम चेहरे की घोषणा से ठीक पहले चन्नी का यह हवन विशेष नजर से देखा जा रहा है।
हालांकि चन्नी पिछले कई दशकों से माँ बगलामुखी के आराधक हैं, लेकिन इस बार चुनावी गहमागहमी के बीच भी उनका हवन गुप्त नवरात्रि में हो रहा है। इन नवरात्रों में सामान्य लोग माता के नवरूपों की पूजा करते हैं.जबकि तन्त्र साधना में विश्वाश रखने वाले दस महाविद्याओं की साधना करते हैं। ऐसा माना जाता है कि गुप्त नवरात्र में किसी भी महाविद्या की उपासना, पूजा पाठ हवन यज्ञ लाखों गुणा अधिक फल देती है।