श्री नयना देवी जी में कुष्ठ रोग पर जागरूकता शिविर का आयोजन

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आवाज़ ए हिमाचल

अभिषेक मिश्रा, बिलासपुर
03 फरवरी।राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला श्री नयना देवी जी में कुष्ठ रोग को लेकर जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। इस अवसर पर बच्चों को शपथ भी दिलाई गई। इस अवसर स्वास्थ्य कार्यकर्ता पूनम शर्मा ने बताया कि कुष्ठ रोग कोई दैवीय प्रकोप या अभिशाप नहीं है।

इसका इलाज संभव है। उन्होंने बच्चों को कुष्ठ रोग के लक्षण, निदान, उपचार एवं बचाव से अवगत करवाया। उन्होंने महात्मा गांधी द्वारा कुष्ठ रोग के रोगियों के प्रति किए गए कार्यों पर प्रकाश डाला और कहा की गांधी ने असहाय मरीजों के निस्वार्थ भाव से सेवा की और अपने हाथों से उनके जख्मों पर मलहम पट्टी कर उनके दर्द को सांझा किया।

बापू का इस क्षेत्र में अतुलनीय योगदान रहा है और उन्होंने हमें सिखाया है की कुष्ठ रोगियों से घृणा करने की बजाय उनकी सहायता कर उन्हे समाज में उचित स्थान देना चाहिए। पूनम शर्मा ने बताया कि पुराने समय में लोग इसे पापों का फल और देवी देवताओं का प्रकोप मानते थे, क्योंकि उस समय इस रोग का पर्याप्त उपचार उपलब्ध नहीं था और रोगी को अपंगता आ जाती थी जिसकी वजह से व्यक्ति देखने में कुरूप लगता था।

लेकिन इस वक्त सभी सरकारी संस्थाओं में इसका पूर्ण एवं मुफ्त इलाज उपलब्ध है जिसे एमडीटी कहा जाता है। उन्होंने कहा कि शरीर पर हल्के पीले या तांबे के रंग के दाग आना जिन मे खुजली न हो, त्वचा का सुन होना, हाथ, पैर या आंखों में कमजोरी आना, आंखों की पलकें बंद न हो पाना आदि इस रोग के लक्षण हैं।

इसका संपूर्ण उपचार 6 से 12 महीने में किया जा सकता है। वहीं स्कूल के प्रिंसीपल कमल सिंह चंदेल स्वास्थ्य विभाग से आए सभी लोगों का आभार प्रकट किया। इस अवसर पर हेल्थ एजूकेटर परमजीत सिंह, और राज कुमार, आशा वकर पूनम शर्मा और स्टाफ सदस्य मौजूद रहे।

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