1964 के ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता एवं हॉकी टीम के कप्तान चरणजीत सिंह नहीं रहे

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आवाज़ ए हिमाचल

ऊना, 27 जनवरी। हिमाचल प्रदेश के ऊना जिले में जन्‍में पूर्व भारतीय हाकी खिलाड़ी 93 वर्षीय चरणजीत सिंह का वीरवार सुबह पांच बजे निधन हो गया। वह अधरंग से ग्रसित थे।

जानकारी के अनुसार चरणजीत सिंह 1964 ग्रीष्मकालीन ओलिंपिक हाकी टीम के कप्तान रहे। उन्हें भारत सरकार ने पद्मश्री से भी सम्मानित किया है। वह हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय, शिमला में शारीरिक शिक्षा विभाग के निदेशक पद पर भी रहे हैं। 1964 में उन्‍होंने देश के लिए स्‍वर्ण पदक जीता था। रिटायरमेंट के बाद लगातार हर रोज इंदिरा गांधी स्टेडियम में खिलाडिय़ों व कोच के साथ समय बिताना रूटीन बन गई, जबकि किसी भी खेलों से जुड़ा कोई कार्यक्रम तब तक पूरा नहीं माना जाता, जब तक पद्मश्री चरणजीत सिंह की शिरकत उसमे न हो। जिला ऊना के मैड़ी (तत्‍कालीन पंजाब) गांव के मूल निवासी पद्मश्री चरणजीत सिंह का जन्म 22 अक्‍टूबर, 1928 को हुआ था।

पद्मश्री चरणजीत सिंह जी के तीन बच्चे हैं, जिसमें दो बेटे और एक बेटी है। तीनों बच्चे डाक्‍टर हैं। इनमें से एक बेटा कैनेडा में बतौर कार्यरत है, जबकि दूसरा हिमाचल में ही बतौर डाक्टर रिटायर हुए हैं। बेटी स्त्री रोग विशेषज्ञ हैं और उनके पति एम्स दिल्ली के डायरेक्टर रणदीप गुलेरिया हैं। परिवार के दोनों बच्चे तो अंतिम संस्कार के समय पहुंचे गए हैं जबकि कैनेडा वाला बेटा बाद में आएगा।

वहीं, मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने पद्मश्री चरणजीत जी के निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया है।

 

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