आवाज ए हिमाचल
24 जनवरी, धर्मशाला: कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव एवं पूर्व मंत्री सुधीर शर्मा ने स्लेट गोदाम में बर्फ़ देखने गए 4 चार बच्चों में से दो बच्चों की मृत्यु पर गहरा शोक व्यक्त किया है।
एक प्रेस विज्ञप्ति में उन्होंने कहा कि अगर प्रशाशन समय रहते रेस्क्यू टीम भेजता तो शायद इन बच्चों को बचाया जा सकता था। सुधीर शर्मा ने कहा कि यह पहली बार नहीं है कि ऐसी घटना हुई है, कुछ समय पहले भी दो व्यक्तियों की जान जा चुकी है।
प्रदेश सरकार को यह पता होना चाहिए कि एशिया की सबसे नज़दीक स्नो लाइन धौलधार है लेकिन यहाँ कोई उचित प्रावधान नहीं है। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में कई ट्रेक हैं और न केवल स्थानीय लोग बल्कि पर्यटक भी ट्रेकिंग करने के लिए यहाँ जाते हैं।
धौलधार के ट्रेक ऐल्पायन ट्रेकिंग रूट के लिए जाने जाते हैं, यही कारण है की यह आकर्षण का केंद्र हैं। सुधीर ने कहा कि
दु:खद स्तिथि यह है कि सरकार द्वारा उचित प्रबंधन नहीं है, पूर्व सरकार के समय में त्रियूँड ट्रेक के लिए चेक पोईंट व ट्रेक को सुधारने हेतु चालीस लाख रुपय दिए गए थे लेकिन कार्य अधूरा पड़ा है।
उन्होंने कहा कि ऐसी आपदाओं से निपटने के लिए उचित प्रबंध करना ज़रूरी है, चाहे ड्रोन हों, हेलिकॉप्टर हों या स्थानीय स्तर पर रेस्क्यू टीम और डॉग स्क्वॉड हों, लोकल फ्रीक्वेंसी पर वाईरलेस से जोड़ना चाहिए सब मुहैया करवाना होगा ताकि लोगों की जान सुरक्षित रहे और ट्रेकिंग का रोमांच बना रहे।
सुधीर शर्मा ने जयराम सरकार से स्पष्ट करने को कहा है कि
नैशनल डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी प्रदेश में कहाँ कहाँ काम कर रही है, उसको आपदाओं से निपटने के लिए कितनी धनराशि प्रतिवर्ष आती है तथा उसे कहाँ ख़र्च किया जा रहा है। उन्होने कहा कि इस घटना के लिए प्रशासन और स्थानीय नेता क़सूरवार हैं जो दो बच्चों को ले आए और दो को छोड़ आए, यह प्रबंध करने के बजाए रोगी वाहन (एम्बुलेंस) में घूमते रहे।
पूर्व मंत्री ने कहा कि इस सारे मामले की जाँच होनी चाहिए कि रेस्क्यू टीम समय पर क्यूँ नहीं पहुँची और जब चारों बच्चे मिल गए थे तो सभी को एक साथ क्यूँ नहीं लाया गया। उन्होंने प्रश्न खड़ा किया कि कहीं वाहवाही लूटने के लिए राजनीतिक हस्तक्षेप कारण तो नहीं ? उन्होंने कहा कि हाज़िरी लगाने, सेल्फ़ी खिचवाने से क्षेत्र आगे नहीं बड़ेगा इसके लिए दूरगामी कदम उठाने होंगे जो वर्तमान सरकार के समय में असंभव लगता है।