आवाज़ ए हिमाचल
21 जनवरी।हिमाचल प्रदेश में पर्यावरण संरक्षण के मकसद से नई इलेक्ट्रिक व्हीकल नीति गुरुवार से लागू हो गई। राज्य सरकार के अतिरिक्त मुख्य सचिव परिवहन जेसी शर्मा ने हिमाचल प्रदेश इलेट्रिक व्हीकल पालिसी 2022 को अधिसूचित किया। यह नीति आगामी पांच साल तक लागू होगी। इस नीति के अनुसार राज्य सरकार इलेक्ट्रिक वाहनों को सड़क टोकन टैक्स में छूट देगी। हाईवे पर भी राज्य और बाहरी प्रदेशों के इलेक्ट्रिक वाहनों से टोल टैक्स नहीं लिया जाएगा।
इसके अलावा वाणिज्यिक परमिट फीस में केंद्रीय भूतल परिवहन एवं उच्च मार्ग मंत्रालय की अधिसूचना के अनुसार छूट दी जाएगी। यह छूट इस नीति के लागू होने की अवधि यानी पांच साल तक लागू होगी। सरकार ने इस नीति से 2025 तक 15 फीसदी इलेक्ट्रिक वाहन पंजीकृत करने का लक्ष्य तय किया है। इस नीति में चार मॉडल शहरों को चिन्हित किया है। ये शिमला, मंडी, बद्दी और धर्मशाला हैं।इनमें एक गुणा एक किलोमीटर की ग्रिड में कम से कम एक चार्जिंग स्टेशन होगा। राज्य उच्च मार्गों में हर 25 किलोमीटर बाद प्रत्येक तरफ होगा और व्यस्त राष्ट्रीय राजमार्गों के हर 50 किलोमीटर के बाद प्रत्येक ओर एक चार्जिंग प्वाइंट होगा।
ये चारों मॉडल शहर एक-एक ऐसी जोन भी तैयार करेंगे जहां पर गाड़ियों से गैसों का शून्य उत्सर्जन हो। जहां केवल पैदल चलना, साइकिल पर चलना या इलेक्ट्रिक वाहन में चलना ही मान्य होगा। राज्य सरकार अपने ग्रीन टैक्स और मोटर व्हीकल एक्ट कर कंपाउंडिंग फीस से एकत्र 95 फीसदी फंड का इस्तेमाल पालिसी की अवधि में इलेक्ट्रिक वाहनों के धरातल पर उतारने के लिए होगा।
बिजली बोर्ड चार्जिंग स्टेशनों के लिए टैरिफ योजना तैयार करेगा
– वाहनों को बिजली से चार्ज करने के आधारभूत ढांचे को तैयार करने के लिए बिजली बोर्ड को नोडल एजेंसी बनाया गया है। बिजली बोर्ड इन स्टेशनों के लिए अपनी टैरिफ योजना तैयार करेगा।
चार्जिंग स्टेशनों के लिए जमीन देंगे नगर निकाय, रियायतों की अधिसूचना अलग से
चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने के लिए निजी कंपनियों को प्रोत्साहित किया जाएगा। उन्हें नगर निकायों की ओर से जमीन या अन्य सुविधाएं या रियायतें दी जाएंगी। वाहनों की खरीद पर रियायत देने की सरकार अलग से अधिसूचना जारी करेगी। चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने के लिए कई तरह के इंसेटिव्स भी बाद में स्पष्ट होंगे।
हिमाचल में बनेगा इलेक्ट्रिक व्हीकल पार्क
नई इलेक्ट्रिक वाहन नीति के तहत राज्य सरकार एक इलेक्ट्रिक व्हीकल पार्क तैयार करेगी। इसे 100 से 200 एकड़ में बनाया जाएगा। प्रदेश में ऐसे पार्कों में इलेक्ट्रिक वाहनों का निर्माण प्रोत्साहित किया जाएगा।
120 वोल्ट से कम बैटरी पैक्स वाले वाहनों को लाइट इलेक्ट्रिक व्हीकल
120 वोल्ट से कम बैटरी पैक्स वाले वाहन लाइट इलेक्ट्रिक व्हीकल होंगे। 500 वोल्ट से ज्यादा क्षमता वाले हेवी इलेक्ट्रिक वाहन कहलाएंगे। बसों में भी इतनी ही क्षमता होगी। ई-स्कूटर में 50 किलोमीटर तक चलने के बैकअप वाली इनबिल्ट बैटरी होगी, जिसे घर में चार्ज करने की व्यवस्था होनी चाहिए। इसके साथ एक अतिरिक्त बैटरी 50 किलोमीटर तक चलने वाली होनी चाहिए, जिसे रास्ते में बदला जा सकेगा।
वाहन दुर्घटना मुआवजा का दिलाने के लिए देनी होंगी समयबद्ध सेवाएं
हिमाचल प्रदेश में वाहन दुर्घटना मुआवजा दिलाने के लिए पुलिस और बीमा कंपनी को समयबद्ध सेवाएं देनी होंगी। राज्य सरकार ने इस संबंध में नए नियम बनाए हैं। इसमें पुलिस और बीमा कंपनियों की जिम्मेवारियां तय की हैं। कंपनियोें को समय पर बीमा राशि जारी करने के भी निर्देश दिए गए हैं। इनका निपटारा 30 दिन में होगा। इन नियमों में दुर्घटनाओं के बाद मुआवजों के दावों के बारे में स्थिति स्पष्ट की गई है। इसमें मुआवजों के दावों को ठीक से भरने के नियम स्पष्ट किए गए हैं।इनके अनुसार अगर स्क्रूटिनी में किसी दरख्वास्त को अधूरा पाया तो ऐसे में दो सप्ताह के भीतर इसकी कमियों को दुरुस्त करना होगा। आवेदक की पहचान से संबंधित साक्ष्य, पासपोर्ट फोटो, जांच अधिकारी की रिपोर्ट, मेडिकल प्रमाणपत्र आदि दस्तावेजों को भी उपलब्ध करवाना होगा। जांच अधिकारी को दुर्घटनास्थल पर घेरा बनाना होगा और ऐसे कोणों से छायाचित्र लेने होंगे, जिससे सारी चीजें साफ-साफ दिखे। इसके लिए पुलिस के जांच अधिकारी की ही ड्यूटी होगी कि वह दुर्घटनाग्रस्त वाहन से संबंधित बीमा दस्तावेज, पालिसी का पूरा विवरण आदि एकत्रित करें। बीमा कंपनी को भी इस बारे में समय पर सारे तथ्यों को एकत्र कर आगामी कार्रवाई करनी होगी।
एक भी सुझाव नहीं मिला तो सरकार ने जारी की अधिसूचना
नए हिमाचल प्रदेश मोटरयान तृतीय संशोधन नियम 2021 के लिए एक भी सुझाव नहीं मिला है। राज्य सरकार ने किसी सुझाव या आपत्ति के नहीं मिलने के बाद अब इस बारे में अधिसूचना जारी कर दी है।