प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड के पेंशनभोगियों को भी मिलेगी चिकित्सा प्रतिपूर्ति की सुविधा

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आवाज ए हिमाचल

20 जनवरी।हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड धर्मशाला के पेंशनभोगियों को राज्य के अन्य सेवानिवृत्त कर्मचारियों की तरह चिकित्सा प्रतिपूर्ति की सुविधा मिलेगी। यह घोषण मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने धर्मशाला में की। सरकार के इस निर्णय से बोर्ड के 750 से अधिक सेवानिवृत्त कर्मचारी लाभान्वित होंगे। सीएम ने कहा कि सरकार प्रदेश के कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है।

उनके कल्याण के लिए कई योजनाएं शुरू की गई हैं। सरकार ने मुख्यमंत्री हिमकेयर जैसी योजनाएं शुरू की हैं, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि प्रदेश का कोई भी व्यक्ति धन के अभाव में बेहतर चिकित्सा सुविधाओं से वंचित न रहे। पिछली सरकार ने 24 मार्च, 2014 को बोर्ड के पेंशनभोगियों को चिकित्सा प्रतिपूर्ति की सुविधा देने में असमर्थता जताई और इस सुविधा को अप्रैल 2014 से बंद कर दिया था।

कहा कि बोर्ड के पेंशनभोगियों को इस योजना का लाभ देने के लिए हर वर्ष 1.61 करोड़ व्यय होने का अनुमान है। इन सभी खर्चों को बोर्ड अपने संसाधनों से वहन करेगा। मुख्यमंत्री ने बोर्ड की उपलब्धियों और कार्यप्रणाली से संबंधित पुस्तिका का भी विमोचन किया। स्कूल शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. अशोक कुमार सोनी ने चिकित्सा प्रतिपूर्ति की सुविधा देने के लिए मुख्यमंत्री का आभार जताया।

समर्पण और प्रतिबद्धता से काम करें पंचायत प्रतिनिधि : जयराम

पंचायतीराज संस्थाओं के निर्वाचित प्रतिनिधियों को अपने क्षेत्र के विकास के लिए समर्पण और प्रतिबद्धता के साथ कार्य करना चाहिए। यह बात मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने वीरवार को धर्मशाला में हिमाचल प्रदेश जिला परिषद अध्यक्ष और उपाध्यक्ष संघ के एक प्रतिनिधिमंडल को संबोधित करते हुए कही। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार पंचायती राज संस्थाओं को सुदृढ़ करने के लिए प्रतिबद्ध है। ये लोकतंत्र की आधारभूत इकाई हैं और ग्रामीण क्षेत्रों के विकास के लिए महत्वपूर्ण हैं। कहा कि सरकार ने पंचायतीराज संस्थाओं के निर्वाचित प्रतिनिधियों को कई शक्तियां दी हैं। जयराम ने संघ के सदस्यों को आश्वासन दिया कि सरकार उनकी सभी जायज मांगों पर सहानुभूति पूर्वक विचार करेगी। संघ के अध्यक्ष कृष्ण पाल शर्मा ने मुख्यमंत्री से पंचायतीराज संस्थाओं के लिए राज्य वित्त आयोग से अलग से बजट प्रावधान करने का आग्रह किया।

उन्होंने जिला परिषद अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और सदस्यों के लिए ऐच्छिक निधि का प्रावधान करने और विधायक प्राथमिकताओं की तर्ज पर जिला परिषद की प्राथमिकताओं का प्रावधान करने का भी आग्रह किया। ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज मंत्री वीरेंद्र कंवर, वूल फेडरेशन के अध्यक्ष त्रिलोक कपूर भी उपस्थित थे।

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