आवाज़ ए हिमाचल
17 जनवरी।मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने सोमवार को बजट 2022-23 की प्राथमिकताओं को अंतिम रूप देने के लिए सात जिलों सोलन, बिलासपुर, मंडी, ऊना, हमीरपुर, कुल्लू और सिरमौर के विधायकों की बैठकों की पीटरहॉफ शिमला में अध्यक्षता की। उन्होंने जानकारी दी कि अगले वित्तीय विकासात्मक बजट 2022-23 के लिए 12,638 करोड़ का परिव्यय प्रस्तावित है। इस तरह से बजट का परिव्यय तय हो गया है। यह प्रदेश की अपने संसाधनों से संचालित योजनाओं का बजट है। वास्तविक बजट अनुमान केंद्रीय योजनाओं समेत अन्य मदों को जोड़कर बजट सत्र में तय होगा। पिछले वित्त वर्ष में यह परिव्यय 9405.41 करोड़ था। इसमें करीब 3233 करोड़ की बढ़ोतरी हुई है। पहले इस परिव्यय को वार्षिक योजना कहा जाता था। अब नॉन प्लान और प्लान का भेद खत्म कर दिया है, इसलिए अब इसे परिव्यय नाम दिया गया है। सीएम ने कहा कि पिछली सरकार ने पहले चार साल 2013-14 से 2016-17 के लिए 18,500 करोड़ रुपये की कुल वार्षिक योजना परिव्यय का प्रावधान था।
इसकी तुलना में वर्तमान सरकार ने पहले चार साल 2018-19 से 2021-22 के लिए 34,474 करोड़ का प्रावधान किया है। राज्य में पूर्व सरकार के कार्यकाल में नाबार्ड के माध्यम से 3200.34 करोड़ की कुल 779 विधायक प्राथमिकता योजनाओं को मंजूरी दी, जबकि वर्तमान सरकार केे पहले चार साल के कार्यकाल के दौरान 3,347.20 करोड़ लागत की 825 विधायक प्राथमिकता योजनाओं को स्वीकृति दी।
पिछली सरकार के पांच साल के कार्यकाल के दौरान विधायक प्राथमिकता योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए कुल 2363.80 करोड़ का प्रावधान रखा था, जबकि वर्तमान सरकार की ओर से पहले चार साल के लिए ही 3183.37 करोड़ रुपये का प्रावधान होगा। स्वास्थ्य मंत्री डॉ. राजीव सैजल, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री राजिंद्र गर्ग और राज्य योजना बोर्ड के उपाध्यक्ष रमेश धवाला ने सुझाव दिए और अपने विभागों से संबंधित विभिन्न मामलों का भी जवाब दिया।
नाबार्ड से अब तक 965.41 करोड़ रुपये की 186 परियोजनाओं को मंजूरी मिली
सीएम जयराम ठाकुर ने कहा कि वर्ष 2021-22 के लिए विभिन्न विधायक प्राथमिक योजनाओं के अंतर्गत नाबार्ड से अब तक 965.41 करोड़ रुपये की 186 परियोजनाओं को मंजूरी मिली है। वर्तमान वित्त वर्ष के दौरान नाबार्ड से मंजूर 965.41 करोड़ रुपये की परियोजनाओं में से सड़कों और पुल निर्माण परियोजनाओं के लिए 465.05 करोड़ रुपये और सूक्ष्म सिंचाई और पेयजल योजनाओं के लिए 500.36 करोड़ रुपये स्वीकृत किए हैं।