यदि इस एक्ट की राजपत्र में अधिसूचना जारी हुई होती तभी घर घर से कूड़ा उठाने के पैसे न देने वालों को जुर्माना नहीं अपितु बिजली, पानी का कनेक्शन काटने का नोटिस दिया जा सकता था। उपांडलाधिकारी को यह बताना चाहिए कि आम लोगों को नियमों के खिलाफ जा कर जुर्माने के नोटिस तो दिए गए परंतु लघु सचिवालय अपने कार्यालय व सभी सरकारी कार्यालयों, शहर में विभिन सरकारी संस्थानों व कार्यालयों में ,प्राइवेट संस्थानों , सरकारी कॉलोनियों में , क्या घर घर से कूड़ा उठाने के नोटिस क्यों नहीं दिए गए । तथा वे यह भी बताएं कि अपने कार्यकाल में उन्होंने कितनी बार घर-घर से कूड़ा उठाने के पैसे दियें हैं। उपमंडलाधिकारी आज कार्यकारी अधिकारी के तौर पर आज विवाह दर्ज करवाने के लिए आने वाले नवविवाहित जोड़ों का विवाह तब तक दर्ज नहीं कर रहे।
जब तक कि घर घर से कूड़ा उठाने बारे चार्जेज व हाउस टैक्स चार्जेज दिए जाने की रिपोर्ट लिपिक के द्वारा नहीं की जा रही। जबकि हिमाचल प्रदेश मैरिज रजिस्ट्रशन एक्ट 1996 के अनुसार विवाह दर्ज करने को ऐसी बाध्यता नहीं लगाई जा सकती। इसी प्रकार बी पी एल प्रमाण पत्र मांगने वाले से भी इसी प्रकार की औपचारिकताएं की जा रही है। नगर परिषद के लोगों के साथ हो रहे इस प्रकार के व्यवहार को कतई सहन नहीं किया जाएगा। इस बारे मुख्य सचिव हिमाचल प्रदेश सरकार को उपमंडलाधिकारी नागरिक व कार्यकारी अधिकारी की शिकायत भेजी गई है। तथा उन्होंने जिलाधीश मंडी व निदेशक शहरी विकास विभाग को इस पर उचित कार्यवाही करने का निर्देश दिया है। यदि फिर भी कोई हल नही निकलता है तो लोगों को साथ ले कर सड़कों में न्याय के लिए उतरा जाएगा।