हिमाचल प्रदेश राजस्व प्रशिक्षण संस्थान (आरटीआई) जोगिन्दर नगर की स्थापना 01 अप्रैल, 1996 को की गई है। इस संस्थान का प्रमुख उद्देश्य राजस्व से संबंधित विभिन्न अधिकारियों एवं कर्मचारियों को प्रशिक्षण प्रदान करना है। वर्तमान में इस संस्थान में पटवारी से लेकर भारतीय प्रशासनिक सेवा तक के अधिकारियों व कर्मचारियों को राजस्व संबंधी प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है। इस संस्थान की स्थापना केंद्रीय प्रायोजित स्कीम एसआरयू व यूएलआर के तहत 50:50 के अनुपात में हुई है। इस संस्थान के लिये भारत सरकार ने साढ़े आठ करोड़ रूपये 50:50 के अनुपात में राज्य व केंद्रीय अंश के रूप में स्वीकृत किये हैं। इस संस्थान के निर्माण के लिये केंद्रीय व राज्य अंश के रूप में 5.29 करोड़ रूपये की धनराशि स्वीकृत की जा चुकी है। इस संस्थान के प्रथम चरण में प्रशासनिक भवन, छात्र होस्टल, मैस, टाईप-पांच आवास, जबकि द्वितीय चरण में गर्ल हॉस्टल, गेस्ट हाउस, आवास टाईप-तीन व टाईप-एक भी बनाये जा चुके हैं। इसके अतिरिक्त टाईप-2 आवास के चार सैट भी बनाये जा चुके हैं। साथ ही निर्माण संबंधी कुछ अन्य कार्य अभी प्रगति पर हैं।
आईएएस अधिकारियों को 2 सप्ताह, तो पटवारियों को मिलती है 4 माह की ट्रेनिंग
हिमाचल प्रदेश राजस्व प्रशिक्षण संस्थान जोगिन्दर नगर में भारतीय प्रशासनिक सेवा तथा हिमाचल प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों को राजस्व की बारीकियों से संबंधित दो सप्ताह का प्रशिक्षण दिया जाता है। राजस्व सेवा से जुड़े विभिन्न अधिकारियों को भी यहां प्रशिक्षित किया जाता है जिनमें तहसीलदार व नायब तहसीलदार को 28 दिन, पटवारी को चार माह का राजस्व प्रशिक्षण शामिल है। साथ ही तहसीलदार, नायब तहसीलदार एवं कानूनगो के पदों पर तैनात कर्मियों के रिफ्रेशर कोर्स भी करवाए जाते हैं। इस संस्थान में भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) व हिमाचल पुलिस सेवा (एचपीएस) से जुड़े अधिकारियों के साथ-साथ पुलिस प्रशासन से जुड़े उप निरीक्षक एवं सहायक निरीक्षक के पदों पर तैनात कर्मियों को भी एक सप्ताह का राजस्व प्रशिक्षण दिया जाता है।
इसके अतिरिक्त बैंकिंग सेवा से जुड़े अधिकारियों को भी राजस्व की बारीकियां बताई जाती हैं। यही नहीं इस संस्थान में नाइलेट के माध्यम से कंप्यूटर प्रशिक्षण के दो पाठ्यक्रम पीजीडीसीए व डीसीए भी चलाये जा रहे हैं। राजस्व प्रशिक्षण संस्थान से 11 हजार 566 अधिकारी व कर्मचारी सीख चुके हैं राजस्व की बारीकियां हिमाचल प्रदेश राजस्व प्रशिक्षण संस्थान से प्राप्त आंकड़ों की बात करें तो 21 दिसंबर, 2021 तक 11 हजार 566 अधिकारी व कर्मचारी राजस्व की बारीकियों को सीख चुके हैं। जिनमें 3417 कर्मियों ने पुनश्चर्या कार्यक्रम में अपनी भागीदारी सुनिश्चित की है जबकि 3477 पटवारियों को प्रशिक्षण दिया जा चुका है।
इसके अलावा जहां 3492 अधिकारियों व कर्मचारियों को आपदा प्रबंधन पर प्रशिक्षित किया गया है तो वहीं 32 परीवीक्षाधीन आईएएस, 103 एचएएस, 41 तहसीलदार, 49 नायब तहसीलदार, 05 भारतीय पुलिस सेवा व 34 हिमाचल पुलिस सेवा के परिवीक्षाधीन अधिकारियों को भी राजस्व की बारीकियां सिखाई जा चुकी हैं। साथ ही पुलिस विभाग के 187 उप निरीक्षकों, 601 बैंक अधिकारियों व कर्मचारियों, 9 सहायक लोक अभियोजक, 11 एसजेवीएनएल के अधिकारियों को भी राजस्व बारे प्रशिक्षण दिया जा चुका है। इसी संस्थान से कम्प्यूटर साक्षरता कार्यक्रम के तहत 49 तथा ईटीएस व जीपीएस पर 59 प्रतिभागियों को भी प्रशिक्षित किया जा चुका है।