वन मंत्री राकेश पठानिया ने कहा पुलिस कर्मियों के साथ हो रहे अन्याय के लिए पूर्व सरकार कुसूरवार

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आवाज़ ए हिमाचल

11 दिसंबर। धर्मशाला के तपोवन में चले रहे विधानसभा शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन सदन की कार्रवाई शुरू होते ही पक्ष विपक्ष में तीखी कहासुनी के चलते कांग्रेस ने स्थगन प्रस्ताव के माध्यम से प्रश्नकाल न कराकर पुलिस कर्मियों की समस्या पर चर्चा की मांग की। इस पर सदन में हंगामा शुरू हो गया। विधानसभा अध्यक्ष विपिन परमार के अनुसार  जगत नेगी, मुकेश अग्निहोत्री, नंदलाल ने सुबह 9.58 पर चर्चा मांगी। प्रश्नकाल के बीच कांग्रेस विधायकों ने वाकआउट कर लिया। प्रश्नकाल खत्म होते ही कांग्रेस विधायक सदन में लौट आए।

नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि पुलिस कर्मियों के मुद्दों पर सदन से वाकआउट किया गया। कांग्रेस विधायकों ने विधानसभा के शीतकालीन सत्र में ही पुलिस के मुद्दे सुलझाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि पुलिस कर्मियों में असंतोष के कारण प्रदेश में विद्रोह जैसे हालात उत्पन्न न हो जाएं। कांग्रेस विधायक दल के चीफ विहिप जगत सिंह नेगी ने कहा कि पुलिस कर्मियों के परिजनों पर दर्ज मुकदमे वापिस लिए जाएं। शांतिपूर्वक अपनी बात कहने आए परिजनों पर कार्रवाई करना गलत है। पुलिस कर्मियों के वेतन एवं अन्य सेवा विसंगतियों को दूर करने के लिए कांग्रेस लगातार प्रयास कर रही है।

इसी दौरान एक वार्ता में वन मंत्री राकेश पठानिया ने पुलिस कर्मियों के साथ अन्याय के लिए पूर्व में रही कांग्रेस सरकार को जिम्मेवार ठहराया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने 2015 में अधिसूचना जारी कर पुलिस को बांड के तहत 8 वर्ष तक अनुबंध पर लाया था। 2015 की अधिसूचना के कारण प्रदेश के पुलिस कर्मचारी बांड आधारित अन्यायपूर्ण व्यवस्था के तहत पीड़ित हो रहे हैं। वन मंत्री ने कांग्रेस के वाकआउट करने पर कहा कि कांग्रेस नेता पुलिस कर्मचारियों के मुद्दे पर गुमराह कर रहे हैं। 2003 में ओल्ड पेंशन स्कीम की बनाई व्यवस्था भी पूर्व की कांग्रेस सरकार की ही देन है।

 

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