आवाज़ ए हिमाचल
06 दिसंबर । हिमाचल प्रदेश में बिजली बोर्ड के आलस के चलते उठाऊ पेयजल और सिंचाई योजनाओं के दर्जनों प्रोजेक्ट अटक गए हैं। लोगों का दबाव होने पर जल शक्ति विभाग के अधिकारी इस बारे में बार-बार बिजली बोर्ड को चिट्ठियां भेज रहा हैं, मगर इन पर गौर कोई नहीं फ़रमाया जा रहा है। कर्मचारियों की कमी होने और अन्य तरह की भी दलीलें दी जा रही हैं, मगर चुनावी साल से पहले भी इस बारे में ढील अपनाई जा रही है। इनमें से कई योजनाएं,
विधायक प्राथमिकता की हैं, जिन्हें नाबार्ड से वित्तपोषित किया जा रहा है। प्रदेश में विभागों का आपस में तालमेल नहीं होने के कारण ही सरकारी योजनाओं को धरातल पर उतारने मेें परेशानी आ रही है। विभिन्न जिलों की दो दर्जन पेयजल और सिंचाई योजनाएं ऐसी बताई जा रही हैं, जिनका बिजली बोर्ड के पास सप्लाई ऑफ पावर के लिए लाखों रुपये जलशक्ति विभाग जमा कर चुका है, मगर ट्रांसफार्मर नहीं लगाए जा रहे हैं।
नाबार्ड से विधायक प्राथमिकता में वित्तपोषित कई योजनाओं में तो बजट की भी कोई कमी नहीं है, परन्तु अफसरशाही अपने उपलब्ध स्टाफ से काम ही नहीं करवा पा रही है। बिजली बोर्ड के अधिकारी स्टाफ की कमी होने की बात कर रहे हैं। कई स्थानों पर तो स्थिति यह है कि वहां ट्रांसफार्मर भी पहुंच चुके हैं, मगर साल भर से इन्हें खड़ा ही नहीं किया जा सका है। इससे लोगों में भी रोष की स्थिति है।