राजगढ़ के कटोगड़ा में चार दशक बाद मनाई गई बूढ़ी दिवाली,रात भर झूमते रहे लोग

Spread the love

आवाज़ ए हिमाचल

गोपाल दत्त शर्मा,राजगढ़

05 दिसंबर।राजगढ़ की विकास खंड शिलान्जी पंचायत के कटोगड़ा में बूढ़ी दिवाली धूमधाम से मनाई गई। आमतौर पर यह पर्व गिरिपार क्षेत्र में मनाया जाता है और नवयुवक मंडल द्वारा लगभग चार दशक बाद कटोगड़ा में यह पारम्परिक उत्सव फिर से मनाया गया।गौर रहे कि कभी कटोगड़ा की बूढ़ी दिवाली पुरे राजगढ़ उपमंडल में मशहूर थी, लेकिन 4 दशक पूर्व इसका आयोजन बंद हो गया था। काबिले जिक्र है कि कटोगडा पझोता आदोलन के मुखिया वेद्य सूरत का पेतृक गांव है।पझोता स्वतंत्रता सेनानी कल्याण संघ के अध्यक्ष जय प्रकाश चौहान के अनुसार लोक संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश के प्रथम मुख्यमंत्री डा वाईएस परमार के आहवान पर पहाड़ी कलाकार संघ हाब्बन की स्थपना भी वर्ष 1974 में कटोगड़ा की बूढ़ी दिवाली के अवसर पर ही की गई थी और इसके मुख्य सरंक्षक डा वाईएस परमार जबकि सरंक्षक वैद्य सूरत सिंह को बनाया गया था ।संघ के उद्घोषक जीवन सिंह वर्मा , निदेशक विद्या नन्द सरैक , तबला वादक जय प्रकाश चौहान , सोहन सिंह , मान सिंह वर्मा , प सेवा राम के साथ साथ उस समय के रेडियो कलाकार मियां किशन सिंह , लेखराम , माता राम अत्री , कृष्ण लाल सहगल , विद्या देवी , शकुंतला देवी , शमशेर नेगी , शेरजंग चौहान , लेख राम शर्मा , प्रताप सिंह वर्मा आदी शामिल थे।इसी पहाड़ी कलाकार संघ ने उस समय जिला सिरमौर के विभिन्न हिस्सों के साथ अन्य जिलो व गेयटी थियेटर में राज्यपाल के सामने भी अपनी प्रस्तुती दी थी। नवयुवक मंडल के अध्यक्ष संजय चौहान ने बताया कि क्षेत्र से विलुप्त हो चुकी संस्कृति से युवा पीड़ी को रु ब रू करवाने के लक्ष्य से लगभग 40 वर्ष पश्चात् उत्सव का आयोजन किया गया। उन्होंने बताया कि आज अधिकतर जगह पारंपरिक आयोजन भी आधुनिक वाद्य यंत्रो व डीजे आदी का इस्तेमाल होता है, लेकिन कटोगड़ा में आयोजित गेयटी थियेटर में अपनी पारम्परिक संस्कृति का निर्वाहन करते हुए केवल पारम्परिक वाद्य यंत्रो हारमोनियम , शहनाई , ढोलक आदी का इस्तेमाल किया गया।उन्होंने बताया कि सर्वोदय कला मंच देवठी मझगाँव के कलाकारों में राष्ट्रपति द्वारा संगीत नाटक अकेडमी अवार्ड से सम्मानित विद्यानंद सरैक जैसे कलाकारों ने दशको पुरानी संस्कृति से रु ब रू करवाया।उनके साथ शकुंतला तंवर , तारा कमल , सीता राम शर्मा , राकेश शर्मा , दिलीप सिंह , गीताराम गंधर्व , जगमोहन सरैक , केशव शर्मा , विनोद गंधर्व , संजीव बरागटा , शंकर लाल , संदीप व् दिनेश आदी कलाकारों ने पारम्परिक करयाला व् सांस्कृतिक प्रस्तुतियों से लोगों का मनोरंजन किया। विशेषतौर पर साधु व् बूढ़े बूढ़ी के स्वांग को लोगो ने खूब सराहा। कार्यक्रम ने ऐसा समा बाँधा कि लोग सुबह 6 बजे तक लुत्फ उठाते रहे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *