इस योजना का मुख्य उद्देश्य पारंपरिक ढंग से काम कर रहे उद्योगों का तथा उनके कारीगरों का कौशल विकास करना है। इसके लिए उन्हें वितिय सहायता प्रदान करना है ।ताकि योजना के माध्यम से उद्योगों में स्थिरता बनी रहेगी और रोजगार में भी बढ़ोतरी आ सके । इस योजना के माध्यम से प्रशिक्षको को बेसिक उपकरणों और सुविधाओं की उपलब्धता भी सुनिश्चित की जाती है। जिससे कि उनको काम करने में आसानी हो सके उन्होने कहा कि आयोग द्वारा जिला सिरमौर मे महिला समाज कल्याण समिति के माध्यम भारत सरकार द्वारा लगभग 2 करोड़ 55 लाख रूपये से लागत से की मधुमक्खी पालन की परियोजना चलाई जा रही है।
जिसमें लगभग तीन सौ मधुमक्खी पालको को आधुनिक एवं वैज्ञानिक मधुमक्खी पालन का प्रशिक्षण प्रदान किया गया है इसके साथ साथ उन्है मधुमक्खी पालन के लिए संसाधन भी प्रदान किये जाएगे ताकि जिले के मधुमक्खी पालक आत्मनिर्भर बन सके इस मौका पर खादी ग्रामोद्योग आयोग द्वारा चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं के बारे मे विस्तार से जानकारी दी गयी जैन ने कहा कि इस परियोजना के तहत क्षेत्र के तीन सौ लोगो को दस दस मौन बाक्स प्रदान किये जा रहै है जिसमे से से लगभग 250 लोगो को मौन पालन बाक्स प्रदान कर दिये गये है और बाकि लोगो को भी जल्द ही मौन बाक्स प्रदान कर दिये जाएगे इस मौका पर मकसद संस्था के संस्थापक वेद प्रकाश शर्मा सहित समिति के सदस्य मौजूद रहै ।